शिवगढ़(रायबरेली) बाजार से सब्जी लेकर लौट रहे युवक का संदिग्ध परिस्थितियों में नाले में शव मिलने से क्षेत्र में हड़कम्प मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पीएम के लिए भेज दिया है। घटना शिवगढ़ थाना क्षेत्र के तिघरा नारायनपुर की है। जानकारी के मुताबिक मृतक राजबहादुर पुत्र सतगुरु (35) पिछले 15 वर्षों से परिवार सहित अपनी ससुराल सैमरगंज मजरे भौसी में रह रहा था। जो सोमवार को सायं काल थाना क्षेत्र के ओसाह बाजार सब्जी लेने गया था। देर शाम तक राजबहादुर बाजार से वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने इधर-उधर एवं रिश्तेदारी में खोजबीन शुरू कर दी किंतु युवक का कहीं पता नहीं चल सका। मंगलवार को प्रातः शौच के लिए गए ग्रामीणों ने नाले में औंधे मुंह पड़ा युवक का शव देखकर पुलिस और गामीणों को सूचना दी। जिसकी खबर कुछ ही पलों में पूरे क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई। घटना स्थल पर लोगों का मजमा लग गया। वहीं सूचना कुछ ही पलों में शिवगढ़ थानाध्यक्ष राकेश सिंह मैं फोर्स के पहुंच गए और युवक के शव शिनाख्त में जुड़ गए। लोगों द्वारा मृतक की पहचान राजबहादुर पुत्र सतगुरु के के रूप में करने पर लोगों ने मृतक के परिजनों को सूचना दी। सूचना पाते ही मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी राजपती, पुत्र आनंद (12), अजय (13), पुत्री प्रेमलता (18) अनामिका (14) का रो- रो कर बुरा हाल है। मृतक मूल रूप से शिवगढ़ थाना क्षेत्र के गुमावां पुलिस चौकी अन्तर्गत मजिगवा गांव का रहने वाला था।
सूचना पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी
शव मिलने की सूचना पर पहुंचे महराजगंज क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र चतुर्वेदी ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र चतुर्वेदी का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।
ग्रामीणों द्वारा लगाए जा रहे तरह-तरह के कयास
ग्रामीणों द्वारा युवक की मौत के पीछे तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्योंकि जिस जगह पर नाले में युवक का शव औधे मुंह पड़ा मिला है वहां मात्र डेढ़ फुट पानी होगा। इसलिए एक साधारण व्यक्ति के डूबने का सवाल ही नहीं उठता।
पड़ी मिली साइकिल और सब्जी
युवक के शव से करीब 50 मीटर की दूरी पर युवक की साइकिल और सब्जी पड़ी मिली है। जिसे देख कर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि युवक बाजार से सब्जी लाकर लौट रहा था तभी वह घटना का शिकार हो गया।
बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया
मृतक ही अपने परिवार की जीविका का एकमात्र सहारा था। जो मेहनत मजदूरी करके अपनी सास सुखिया, पत्नी राजपती, पुत्री प्रेमलता, अनामिका पुत्र आनंद ,अभय की जीविका चला रहा था।
कैसे होंगे बेटी के हाथ पीले ? कैसे होगी बच्चों की परवरिश ?
मृतक की पत्नी राजपती को यही चिंता खाए जा रही है कि कैसे वह अपनी 18 वर्षीय पुत्री प्रेमलता के हाथ पीले करेगी और कैसे अपने बेटे बेटियों की परवरिश करने के साथ ही उनको पढ़ाएगी,लिखाएगी और कैसे परिवार की जीविका चलाएगी।
अनुज मौर्य/अंगद राही रिपोर्ट