तहसील की जांच में सही पाए जाने पर भी फौजी की जमीन में हो रहा जबरन कब्जा
डोकलाम में दुश्मनों को अपने जौहर दिखा चुके फौजी के भाई ने लगाई न्याय की गुहार
रायबरेली। डोकलाम में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाली फौजियों की टीम में शामिल देश के एक वीर जवान के परिवार को तरह-तरह से उत्पीडित किया जा रहा है। तहसील की जांच में सही पाए जाने पर भी विपक्षी गण दबंगई बस फौजी के परिवार को परेशान कर रहे हैं। फौजी की जमीन में जबरन कब्जा करने वाले लोगों में से एक सचिवालय का कर्मचारी बताया जा रहा है जिस पर पहले से कई अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बीती 16 जनवरी को भी गुरबख्शगंज थाने में विपक्षी दलों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है लेकिन इसके बाद भी मनबढ़ दबंग फौजी परिवार की जमीन पर अवैध कब्जा करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। फौजी ने जहां बॉर्डर से अपने भाई के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्र देकर जबरन भूमि पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार लालगंज कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मधुकरपुर निवासी देवेंद्र बहादुर सिंह पुत्र स्वर्गीय वीरेंद्र बहादुर सिंह 15 राजपूताना राइफल्स में कार्यरत है। देवेंद्र डोकलाम में आतंकवादियों से ही हुई एक मुठभेड़ में भी अपने जांबाज जौहर दिखा चुके हैं। देवेंद्र ने अपनी जमीन बचाने की गुहार जिलाधिकारी से लगाई है। उन्होंने अपने भाई देवेंद्र बहादुर सिंह के जरिए डीएम को पत्र भेजा है। दरअसल यह विवाद सदर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत सुल्तानपुर खेड़ा में स्थित घाटा संख्या 396 से संबंधित है। इस मिल जुमला गाटा संख्या के 0.0 7 4 हेक्टेयर भूभाग पर शिवेंद्र बहादुर सिंह का कब्जा है, जो तहसीलदार सदर की जांच से भी सिद्ध हो चुका है। यही नहीं इस जमीन के स्वामित्व की बात करें तो स्पर्श शिवेंद्र बहादुर सिंह के बाबा के नाम का पट्टा भी है। इस जमीन को कब्जाने के लिए सेहरामऊ निवासी योगेश कुमार उर्फ राजू बीते काफी दिनों से सक्रिय हैं। पीड़ित फौजी के भाई ने बताया योगेश कुमार सचिवालय में कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं लेकिन वह सचिवालय से अधिकारियों की तरह फोन करके स्थानीय जांचकर्ताओं को अर्दब और दबाव में लेने का प्रयास करते हैं। योगेश पर हाल ही में गुरबख्शगंज थाने में बीती 16 जनवरी को जालसाजी और कूट रचना से संबंधित मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। यही नहीं इससे पहले भी 30 जनवरी 2017 में योगेश सहित पांच लोगों पर धारा 307 सहित तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। यही नहीं योगेश ने स्वयं 27 दिसंबर 2018 को जिलाधिकारी के यहां उक्त जमीन से संबंधित प्रार्थना पत्र दिया था जिसकी जांच में भी सिद्ध हुआ कि उक्त जमीन पर प्रार्थी का कब्जा है। पीड़ित ने बताया कि सचिवालय की धमकी देकर स्थानीय अधिकारियों का उत्पीड़न योगेश कुमार द्वारा किया जा रहा है। वह तरह तरह से धमकी देकर अधिकारियों और कर्मचारियों पर अपने पक्ष में रिपोर्ट लगाने का दबाव बना रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि उप जिलाधिकारी सदर द्वारा बार-बार आदेश देने के बावजूद भी जबरन अवैध कब्जा करने वाले एक व्यक्ति को हाल ही में जेल भेजा गया है। इस पर अगर यह कार्रवाई न होती तो शांति व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाता। पीड़ित फौजी व उसके भाई ने डीएम से न्याय की गुहार लगाते हुए अवैध कब्जा करने का मुख्य आरोपी जो सचिवालय में तैनात है उस पर व उसके साथियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
विवादित जमीन की जांच कराई गई। सेना के जवान देवेंद्र बहादुर के भाई शिवेंद्र बहादुर का इस पर कब जाती है। तहसीलदार की जांच में शिवेंद्र के बाबा के नाम एक पट्टा भी प्रकाश में आया है। प्रकरण में न्यायोचित व विधिक कार्रवाई की जा रही है।
एस डी एम सदर
अनुज मौर्य रिपोर्ट