एसओ मिल एरिया को हटाने पर अड़े ग्रामीण, पूर्व विधायक के समझाने पर माने
रायबरेली। गुरबख्शगंज थाने में तैनाती के दौरान जिले की कानून व्यवस्था के लिए अपनी लापरवाही से संकट पैदा करने वाले मिल एरिया के थानाध्यक्ष जेपी यादव ने दूसरी बार अपनी लचर कार्यशैली से कानून व्यवस्था के सामने बड़ा संकट पैदा कर दिया। अपहरण का मुकदमा दर्ज कराने के लिए एक सप्ताह से थाने के चक्कर लगा रहे पीडि़तों को घटनास्थल का बहाना बताकर थाने से भगाने वाले थानाध्यक्ष का मन तब भी नहीं पसीजा जब घटना में घायल एक युवक ने इलाज के दौरान तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। युवक की मौत के बाद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण शव को लेकर रायबरेली-फैजाबाद हाईवे पर पहुंचे और जाम लगा दिया। आक्रोशित ग्रामीण लगातार मिल एरिया थानाध्यक्ष जेपी यादव को हटाने और उनके मुर्दाबाद की नारेबाजी कर रहे थे। जाम की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट जेपी पांडेय और सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण मुकदमा दर्ज करने पर अड़े रहे। थोड़ी देर में अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह भी मौके पर पहुंच गए धीरे-धीरे ग्रामीणों का गुस्सा बढऩे लगा। प्रकरण की जानकारी होते ही पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह भी धरना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को न्याय के प्रति आश्वस्त किया तब जाकर ग्रामीण माने और जाम खुल सका। इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई ग्रामीणों का आरोप था कि दूसरे पक्ष से मिलकर जेपी यादव काम कर रहे हैं और मुकदमा लिखने के बजाय थाने से डांट कर भगा देते हैं। मामला मिल एरिया थाना क्षेत्र के ग्राम बृजवासी मजरे कोडरस बुजुर्ग का है। गांव निवासी मनोज यादव (37) पुत्र स्व. बृजलाल यादव को बीते 20 दिसंबर को गांव के ही भारत लाल और उनके भाई रामसागर पुत्र गढ़ अहोरवा दिन घर से बुलाकर रतापुर चलने के लिए लाए थे। शाम को करीब 6:30 बजे मनोज की पत्नी ने फोन किया तो मनोज ने बताया कि वह भारत लाल और राम सागर के साथ रतापुर चौराहे पर है। अभी थोड़ी देर में आ जाएगा। इसके बाद मनोज का फोन बंद हो गया। जब देर रात तक मनोज घर नहीं पहुंचा तो परेशान परिजनों ने खोजबीन शुरू कर दी। इसी दौरान जिला चिकित्सालय की स्टाप नर्स रंजना यादव ने गांव में फोन करके घटना की जानकारी दी। ननिहाल होने की वजह से स्टाफ नर्स गांव के लोगों से परिचित थे। स्टाफ नर्स की सूचना पर परिजन जिला अस्पताल लाए। जहां मनोज की हालत अत्यंत गंभीर थी और डॉक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर के लिए रिफर कर दिया था। परिजन आनन-फानन में ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे परिजनों के मुताबिक मनोज को घर से जबरदस्ती लाने वाले भारत लाल और राम सागर ने उसकी इतनी पिटाई की, कि उसकी हालत बिगड़ गई। दूसरे दिन परिजन मुकदमा दर्ज कराने के लिए मिल एरिया थाने पहुंचे। थानाध्यक्ष जेपी यादव ने परिजनों को बताया कि क्योंकि मनोज गंभीर हालत में हरचंदपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पाए गए हैं। इसलिए मुकदमा वहां दर्ज किया जाएगा। परिजन हरचंदपुर थाने पहुंचे तो वहां के थानाध्यक्ष ने बताया कि घटना जहां से हुई है, मुकदमा उसी थाने में दर्ज होगा। न्याय के लिए परिजन दो दिन तक लगातार दोनों थानों के चक्कर काटते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चार जनवरी को जब ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मनोज ने दम तोड़ दिया तो मिल एरिया पुलिस जागी और सडक़ दुर्घटना का मुकदमा दर्ज कर लिया। मनोज की मौत से नाराज परिजन पोस्टमार्टम होने के बाद उनके शव को लेकर रायबरेली-फैजाबाद हाईवे पर पहुंचे और पावर ग्रिड के पास जाम लगा दिया। जाम की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट जेपी पांडेय, अपर पुलिस अधीक्षक शशी शेखर सिंह, सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाया। ग्रामीण बिना कार्रवाई के कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों का कहना था कि मिल एरिया थानाध्यक्ष को तत्काल हटाया जाए। पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह भी जाम लगे होने की जानकारी पर पहुंचे और उन्होंने मौके पर पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। पूर्व विधायक श्री सिंह ने कड़े शब्दों में मिल एरिया थानाध्यक्ष को योगी सरकार की मनसा को धूल-धूसरित न करने की हिदायत दी और चेतावनी भी दी कि यदि मुकदमा दर्ज करके परिवार को न्याय ना मिला तो वह स्वयं 50 हजार लोगों के साथ धरना-प्रदर्शन करेंगे। पूर्व विधायक ने किसी तरह से ग्रामीणों को समझा कर जाम खुलवाया। इस बारे में थानाध्यक्ष जेपी यादव का कहना है कि मुकदमा सडक़ दुर्घटना का दर्ज है। तहरीर मिलने पर धाराओं को तरमीम किया जाएगा। यह यहां यह उल्लेखनीय कि थानाध्यक्ष की ऐसी छोटी-छोटी गलतियों के चलते कानून व्यवस्था के लिए संकट खड़ा हो जाता है। हालांकि बात में पुलिस ग्रामीणों के आक्रोश और भावनाओं को दरकिनार कर हाईवे जाम का मुकदमा दर्ज कर अपनी पीठ थपथपाती है।