सीओ विनीत सिंह की अनूठी पहल गठित की ‘पुलिस बहन’ टीम

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महिला उत्पीड़न के खिलाफ बुलंद करेगी आवाज स्नातक तक की छात्राएं होंगी शामिल

रायबरेली: महिलाओं के ऊपर बर्बरता पूर्वक हो रहे अत्याचार, छींटाकशी जैसे मामलों पर आवाज बुलंद करने के लिए सर्किल अफसर डलमऊ विनीत सिंह ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत ‘पुलिस बहन’ टीम की शुरुआत की है। जनपद में ही नहीं समूचे उत्तर प्रदेश में पुलिस के ही अफसर द्वारा शुरू किया गया सबसे अलग प्रोजेक्ट है।जिसके जरिए कोशिश की जाएगी की क्षेत्रीय स्तर पर जिन महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक अत्याचार, छींटाकशी होती रहती है उस पर नियंत्रण लगाया जाए और गुनाहगारों को पकड़ा जाए। अक्सर देखा गया है कि शिकायतकर्ता खासतौर पर महिला बदनामी के डर से पुलिस थाने में दस्तक देने से बचती हैं गांव घर में वह डरी सहमी बैठी रहती हैं लेकिन पुलिस तक मामला ना जाए बदनामी ना हो इस डर से पुलिस को अपनी आपबीती नहीं बता पाती हैं। इसका सीधा समाधान सर्किल ऑफिसर विनीत सिंह ने खोज निकाला अब पुलिस बहन गांव, घर, मोहल्ले ,गलियों में महिला उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी अपने आसपास के इलाकों पर पैनी नजर रखेंगी अपने कर्तव्य के जरिए वह ऐसे अपराधियों को सलाखों में भिजवाने में मदद करेंगी। सर्किल ऑफिसर विनीत सिंह ने इलाके में ही ऐसे स्कूल चिन्हित किए हैं जहां पर कक्षा 9 से स्नातक तक की छात्राओं का चयन पुलिस बहन टीम में किया जाएगा। ये छात्राएं अपनी सहेलियों अपने इलाके में रहने वाली महिलाओं को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित डायल 100, 1090, 181 व 100 ऑनलाइन पोर्टल, एंड्राइड मोबाइल फोन के जरिए शिकायत करने के तरीकों से भी अवगत कराएंगी जिससे महिलाओं में जागरुकता आएगी और हो रहे उत्पीड़न पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सकेगी। पुलिस बहन टीम में शामिल छात्राएं किसी भी महिला के ऊपर हो रहे अन्याय की आवाज बुलंद करेंगी होता यही है की झिझक के चलते या फिर खौफ में महिलाएं अपनी बात पुलिस से सीधे तौर पर नहीं कर पाती उस समय पुलिस बहन उनकी बातों को पुलिस के समक्ष रखेंगी जिससे पुलिस असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही कर सकेगी। स्थानीय लोग सीओ द्वारा किए गए इस पहल को सराह रहे हैं उनका कहना है मौजूदा समय में सरकार ने व्यवस्थाएं तो कर रखी है लेकिन उनको लेकर जानकारी नहीं फैलाई गई है जिससे लोग उन व्यवस्थाओं का प्रयोग तक नहीं कर पा रहे ऐसे में सीओ विनीत सिंह द्वारा की गई पहल काबिले तारीफ है।

पुलिस बहन टीम की कोऑर्डिनेटर को जारी होगा परिचय पत्र

पुलिस बहन टीम की कोऑर्डिनेटर को बाकायदे परिचय पत्र जारी किया जाएगा स्थानीय थाने में रजिस्टर मौजूद होगा जहां पर सभी कोऑर्डिनेटर का डाटा मौजूद रहेगा। यह टीम सीधे सीओ की नेतत्व में होगी और वह टीम से बराबर संवाद स्थापित करते रहेंगे। छात्राओं का चयन माध्यमिक व स्नातक कक्षाओं में पढ़ने वाली छात्राओं में से 10 को चुनकर महिला उत्पीड़न छींटाकशी जैसे मामलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा महिलाओं से गलत व्यवहार करने वालों की सूचना कोतवाली में देकर कार्यवाही कराने में अहम भूमिका निभाएंगी पुलिस बहन की शिकायत पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। कोऑर्डिनेटर्स का चयन प्रत्येक विद्यालय से 10-10 छात्राओं का चयन होगा। इनके चयन में विद्यालय के प्रधानाचार्य की अहम भूमिका होगी। पुलिस बहन टीम के बारे में पूछने पर सीओ विनीत सिंह ने बताया हाल में ही एक छात्रा को फोन कर कर परेशान किया जा रहा था जिससे वह डरी सहमी थी ना ही वह जानकारी अपने परिवार को दे रही थी और ना ही पुलिस को और बिना जानकारी की पुलिस कार्यवाही कैसे कर सकती है। लेकिन उसी के साथ रहने वाली एक छात्रा जो पुलिस बहन टीम की कोऑर्डिनेटर थी उस छात्रा ने जब अपनी आपबीती पुलिस बहन को सुनाई इसकी जानकारी कोऑर्डिनेटर ने पुलिस को दी सीओ सिंह के द्वारा कार्यवाही करते हुए उस युवक को पकड़ लिया गया जो फोन कर परेशान कर रहा था इसी अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस बहन की भूमिका समाज के लिए कितनी बेहतर है।

सी ओ साहब का क्या कहना

(क्षेत्र में लगातार शिकायत आ रही थी कि महिलाओं के साथ उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं लेकिन महिलाएं पुलिस से शिकायत करने में संकोच कर रही थी ऐसे हालात में हमारे द्वारा पुलिस बहन टीम का गठन किया गया है जिससे महिला उत्पीड़न मामलों में कमी आई है।

-सर्किल ऑफिसर डलमऊ क्षेत्र विनीत सिंह)

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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