सलोन (रायबरेली)। नगर पंचायत सलोन में बोर्ड की आपातकालीन बैठक में एक दिन पूर्व सेवानिवृत्त हो रहे वरिष्ठ लिपिक को निलंबित कर दिया गया। वंही नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी को नोटिस जारी करते हुये एक लिपिक को स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हेतु प्रस्ताव निदेशक को भेजने का निर्णय लिया गया।शनिवार को सलोन नगर में आपातकालीन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई।जिसमें नगर पंचायत बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद अशफाक ने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि नगर पंचायत में वर्षो से जमे बाबुओ की कार्यशैली व व्यवहार ठीक न होने के चलते यह कठोर निर्णय बोर्ड की बैठक में सर्व सम्मति से पारित किया गया है।उन्होंने बताया कि बोर्ड की बैठक में तीन मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई।जिसमें प्रस्ताव न0 46 पर सभासदों ने वरिष्ठ लिपिक मातासेवक मिश्रा की कार्यशैली व व्यवहार अच्छा न होने के कारण उनको सेवानिवृत्त के एक दिन पूर्व निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।जब कि प्रस्ताव न0 47 पर अधिशाषी अधिकारी लाल जी यादव द्दारा कार्यालय में समय न देने व सप्ताह में दो दिन कार्यालय आने पर उन्हें नोटिस देकर स्पष्टीकरण देने का प्रस्ताव पारित किया गया।प्रस्ताव न0 48 पर लिपिक हरिश्चंद्र यादव का कार्य पटल बदले जाने के बाद उनके द्दारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कार्य न करने व 4 जून को जारी आदेश के बाद कार्य पटल का चार्ज दूसरे लिपिक को न देने पर उन्हें स्वेच्छिक सेवानिवृत्त लेने हेतु निदेशक के पास लिखित प्रस्ताव पारित किया गया।नगर पंचायत सलोन में आयोजित आपातकालीन बोर्ड की बैठक में लिये गये कड़े फैसलों से हड़कम्प मच गया।वंही 30 जून 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे वरिष्ठ लिपिक को आखिरकार निलंबित क्यो किया गया।यह सलोन नगर पंचायत समेत कस्बे में चर्चा का विषय रहा। इस मौके पर सभासद बीड़ी साहू, मो0 अफसर, मो0 शकील समेत सभासद मौजूद रहे।
क्या कहते हैं वरिष्ठ लिपिक मातासेवक मिश्रा
उन्होंने ने बताया कि 30 जून को मै सेवानिवृत्त हो रहा था।मुझे अंतिम कार्य दिवस में निलंबित किए जाने का बोर्ड का फैसला उचित नही था।अध्यक्ष महोदय ने बिना कारण बताओ नोटिस जारी किये बिना ही मुझे निलंबित करने का फैसला लिया है।जो नियम के विरुद्ध है।यह निर्णय मात्र द्वेष भावना के कारण किया गया है।जबकि आपातकालीन बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे पहले एजेंडा पारित किया जाता है।
और पदेन सदस्य को सूचना दी जाती है।लेकिन ऐसा कुछ भी अध्यक्ष द्वारा नहीं किया गया।
लिपिक हरिश्चंद्र यादव का कहना है कि मुझे नगर पंचायत में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।और अधिक कार्य करना पड़ता था।जिस पर मैंने मानसिक दबाव में कार्य न करने के लिए एक आवेदन अध्यक्ष व अधिशाषी अधिकारी को दिया था।मैंने स्वेच्छिक सेवानिवृत्त का कोई भी आवेदन नही दिया है।
अधिशाषी अधिकारी लाल जी यादव से इस बाबत जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच बंद था।जिसके बाद उनसे संपर्क स्थापित नही ही स्का।
अनुज मौर्य /प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट