हाय अब्बास हाय प्यास की सदाओ से गूंजा माहौल

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परशदेपुर (रायबरेली)। 8 मोहर्रम हज़रत अब्बास की शहादत की याद में परशदेपुर के छोटे इमामबाडे से दुलदुल और अलम का जुलूस निकला।बताते चले कि लगभग 1400 साल पहले मोहर्रम के महीने में हज़रत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को कर्बला में भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था ।उसी की याद में 8 मोहर्रम को रविवार को दिन में 4 बजे छोटे इमामबाड़े काज़ी हाशिम अली से मजलिस के बाद जुलूस निकला। मजलिस को अली अब्बास ने पढ़ा।जुलूस छोटे इमामबाड़े से निकल कर अपने क़दीमी रास्ते से होता हुआ कजियाना , गढ़ी, मोहल्ले से होते हुए बड़े इमामबाड़े में पंहुचा। जुलूस में नौहाखान डॉ. आमिर रिजवी ने “अब्बास उठाओ अली अकबर का जनाज़ा” जिस पर अजादारों ने मातम करके माहौल को ग़मगीन कर दिया।इसके बाद हैदर अली और शोफी रिज़वी ने “ज़ैनब ने कहा रोकर अब्बास चले आओ”नौहा पढ़ा जिसको सुन कर मातमदारों ने मातम किया और सभी की आंखों से आंसू निकल पड़े।जुलूस के रास्ते मे “हाय सकीना’हाय प्यास” की सदा से माहौल ग़मगीन होता रहा। जुलूस में शम्सी रिज़वी ,अज़मी रिज़वी,नाज़िम रिज़वी, आसिफ मेहदी, बाबर हादी, शोफी रिज़वी,बबलू नक़वी,लारेब, शोएब रिज़वी,अली अब्बास,आदि मौजूद रहे।

सुरक्षा व्ववस्था रही चाक चौबंद
सुरक्षा को देखते हुए परशदेपुर चौकी प्रभारी बृजपाल सिंह अपने सिपाहियों सुधीर पांडेय, बफाती हुसैन,सुखराम यादव आदि के साथ साथ पूरे जुलूस के दौरान मुस्तैद रहे।अंजुमन के सेक्रेटरी ने प्रशासन का शुक्रिया अदा किया।

शम्शी रिजवी रिपोर्ट

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