खीरों (रायबरेली)। मुकद्दस रमजान माह के आखिरी शुक्रवार (अलविदा जुमा) की नमाज सादगी के साथ अदा की गई। इस दौरान नमाजियों की भारी भीड़ जुटी।नमाज के बाद आपसी भाईचारा और मुल्क की तरक्की की दुआ मांगी गई,कस्बे के फतेहपुर,पुराना खीरों मस्जिद में मौलाना ने अलविदा जुमे की नमाज पढ़ाई। उन्होंने कहा कि मुकद्दस माह रमजान की बेइंतेहां फजीलत है। अल्लाह तआला ने फरमाया कि रोजे की जजा वह रोजदार को खुद देता है। रोजा हर मौमिन पर फर्ज है, इसलिए रोजा रखना जरूरी है। रोजदार के लिए जन्नत के दरवाजे खुले रहते हैं। इंतकाल के बाद रोजदार जन्नत के दरवाजे से अंदर प्रवेश करेगा। रमजान माह में शैतान को कैद कर दिया जाता है। यह माह इबादत और तिलावत का है। इस माह में एक नेकी के एवज में 70 नेकियों का सवाब मिलता है। इस माह में होने वाली शबे कद्र का विशेष महत्व है। रवायत है कि जो लोग इस रात में जागकर जायज दुआ मांगते हैं, अल्लाह तआला उसकी दुआ पूरी करता है। अलविदा जुमे की नमाज के लिए भारी भीड़ जुटने के कारण मस्जिद में जगह पाने को लोग पहले से ही पहुंच गए। वहीं जुमे की नमाज के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस कर्मी नमाज शुरू होने से पहले ही मस्जिद में पहुंच गए थे।
अनुज मौर्य/धर्मेंद्र भारती रिपोर्ट