बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है स्कूल प्रशासन
बछरावां (रायबरेली)। एक तरफ सरकार बालिकाओं की सुरक्षा के लिए पुरजोर कोशिश करके प्रत्येक विद्यालय में बालिका सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चला- चला कर जागरूक करने का काम कर रही है।वहीं दूसरी तरफ सरकार के जिम्मेदार कारिंदे सरकारी योजनाओं में पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।मामला बछरावां विकासखंड के रैन ग्रामसभा मे समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जयप्रकाश नारायण सर्वोदय आवासीय बालिका इंटर कॉलेज का है। जिसका पूर्वर्ती नाम राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय था। यह लगभग 10 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। सरकार की खाऊ कमाऊ नीति के कारण आज विद्यालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा बनी बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जो दोबारा बनने का इंतजार कर रही है।समाज कल्याण अधिकारी महोदय के अनुसार पैसा पास हो गया है रिपेयरिंग करा दी जाएगी। विद्यालय की साफ-सफाई दूषित जल व अव्यवस्था के कारण ही कल विद्यालय की लगभग 45 मासूम बच्चियां फूड प्वाइजनिंग व डिहाइड्रेशन का शिकार हो गई थी। जिसमें 18 बच्चियों की हालत बहुत ही गंभीर थी जिनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा जिला अस्पताल रिफर किया गया। वही आज इस घटना की फिर पुनरावृत्ति हुई आज एक दर्जन से अधिक बालिकाएं गंभीर रूप से फूड प्वाइजनिंग का शिकार वही हुई।विद्यालय की अध्यापिकाओं द्वारा 108 नंबर डायल करके बच्चियों को आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछरावां में लाया गया।उनमें से छह की हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण उनको जिला अस्पताल रायबरेली रिफर कर दिया गया। उनके परिवारी जनों में अफरा-तफरी का माहौल कायम रहा और अपनी बच्चियों को विद्यालय से अपने घर ले जा रहे थे। यहाँ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोई भी बाल रोग चिकित्सक नहीं है जिसके कारण बच्चों की बीमारी पता नहीं चल पा रही थी। फिर भी प्रभारी चिकित्सक अनिल कुमार जैसल द्वारा तत्परता दिखा कर बच्चियों के इलाज की प्राथमिक इलाज की तुरंत व्यवस्था की गई और बच्चियों के लिए रिफर बच्चियों के लिए एंबुलेंस का इंतजाम किया गया। पूरे घटनाक्रम के दौरान बछरावां थाने के प्रभारी निरीक्षक रविंद्र कुमार अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर ही डटे रहे और व प्रभारी चिकित्सक के हर कार्य में सहयोग भी प्रदान करते रहे।
वहीं विद्यालय की व्यवस्था देखने पर ज्ञात हुआ कि विद्यालय में घटना की सूचना प्राप्त होने पर समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक सुनील बिसेन शासन द्वारा विद्यालय भेजे गए जब वह विद्यालय पहुंचे तो उन्होंने वहां के बद से बदतर हालातों का स्वयं निरीक्षण किया।विद्यालय में प्रधानाचार्य के बनाई स्वयं की मोनोपोली ही लागू होती है पता चला कि पूर्व की प्रधानाचार्या बरखा साहू जिन का स्थानांतरण जून माह में लखनऊ हो गया है। उन्होंने गत फरवरी माह से खुद के आराम व काम न करने के लिए। प्राइवेट एक अंजली यादव नाम की लालगंज की रहने वाली लड़की को हॉस्टल की देखरेख रखने के लिए रखा।जो स्वयं को वार्डन बताती है विद्यालय में जगह जगह पर कूड़ा करकट घास फूस व गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यहां पर 300 बच्चियों की जिम्मेदारी गैर जिम्मेदाराना हाथों में दे दी गई। वह अपने आप को बच्चियों से गृह माता भी कहलवाती है। इसलिए वह बच्चियों के बीच में गृह माता के नाम से प्रचलित है। जब मौके पर हालात देखे गए तो हालात बहुत ही खराब स्तर के थे। जुलाई-अगस्त माह की प्रचंड गर्मी में बच्चियों के आवास में बिजली की सप्लाई नहीं जा रही। कुछ कमरों में तो पंखे एकाध चल रहे थे बाकी कुछ कमरों में पंखे खराब लटके हुए थे।एक कमरे में तो पंखा किसी दुर्घटना का ही इंतजार कर रहा था क्योंकि वह केवल वह तार की डोरी पर ही लटका था। किसी भी समय वह गिर कर किसी भी बालिका की जान ले सकता है। विद्यालय परिसर में इनवर्टर के लिए आई नई बैटरिया शोपीस मे रखी हुई है। और तो और बच्चियों को गत दो माह से दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएं साबुन मंजन वितरण नहीं किए गए थे।इससे सरासर लापरवाही प्रतीत होती है। बच्चियों ने इसकी शिकायत समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक से की जिस पर निदेशक महोदय ने समाज कल्याण अधिकारी को अविलंब बटवाने के निर्देश दिए। विद्यालय में पानी के हालात तो इतने खराब थे कि विद्यालय की पानी की टंकी के ढक्कन ही नहीं थे।उसी पानी में कोई पक्षी भी पड़ा हुआ था।उसी पानी का प्रयोग खाना बनाने में भी हो रहा था। यहां खाना टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत बनता है। मौके पर खाना के इंचार्ज बृजेश कुमार को संयुक्त निदेशक ने कड़ी फटकार लगाते हुए व्यवस्था तत्काल दुरुस्त करने के लिए कहा विद्यालय परिसर में पानी भरा हुआ था। जिससे मच्छरों की तादाद अधिक मात्रा में थी। बच्चियों द्वारा वाशरूम की गंदगी के बारे में जब शिकायत की गई तो मौके पर जाकर निदेशक महोदय ने स्वयं जाकर देखा तो वहां पर दुर्गंध के साथ साथ गंदगी का अंबार लगा हुआ था।जिस पर उन्होंने कड़ा रवैया अपनाते हुए समाज कल्याण अधिकारी महोदय को तत्काल पांचों सफाई कर्मियों को हटाने का आदेश दिया। यहां बच्चियां सरकारी उदासीनता का शिकार हो रही है। जिनके लिए रहनुमा बनकर आए संयुक्त निदेशक ने कार्यवाही कराने का पूरा आश्वासन दिया। दूषित जल से बीमार बच्चियों की हालत को देखकर स्वयं संयुक्त निदेशक बी विद्यालय का पानी पीने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। अब शायद विद्यालय व विद्यालय में पढ़ने वाली बच्चियों के लिए अच्छे दिन आ जाएंगे।
अव्यवस्था के विशेष बिंदु
1.स्वयं की मोनोपोली चलाकर गैर जिम्मेदाराना रवैये से गृह माता उर्फ वार्डन अंजली यादव को प्राइवेट रूप से तैनात करना।
2.पानी की टंकी की गंदगी और उसी पानी से खाना का बनना
3.भयंकर प्रचंड गर्मी में विद्यालय की ध्वस्त बिजली व्यवस्था
4.दुर्गंध युक्त बच्चियों का बॉथरूम
5.गत दो माह से साबुन मंजन बालिकाओं को ना वितरित किया
रिपोर्ट अनुज मौर्य/अनूप कुमार सिंह