रायबरेली। रायबरेली में थोड़ी सी बारिश क्या हुई,पूरे नगर में जल प्रलय का तांडव देखने को मिला पूरे दिन समस्त नगरवासी अपने घर मैं कैद होने के लिए मजबूर हो गए दूसरी तरफ नगरपालिका,रायबरेली चैन की बंशी बजा रही थी। नगर पालिका प्रशासन सिर्फ सरकारी धन की लूट और भ्रष्टाचार में लगी हैं,नाले और नालियों की सफाई के नाम पर लाखों रुपए के धन की हेराफेरी की गई है किन्तु नतीजा ढ़ाक के तीन पात रहा! सपा नेता डा अमिताभ पाण्डेय ने शहर में चल रहे जलभराव पर आक्रोश व्यक्त करते हुए यह विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि नगर पालिका जिसकी जिम्मेदारी जनसुविधाओं कि स्थानीय स्तर पर व्यवस्था करना है,वह इन सब कार्यों से दूर केवल गरीबों का रोजगार उजाड़ने और समाज के दबे कुचले लोगों पर अपनी जोर आजमाइश करने में व्यस्त है, गरीबों को ज्ञान देने वाली नगर पालिका जिसने की अपने ही लोगों को नगर के महत्वपूर्ण स्थलों पर दुकानें देकर और नाले पाटकर जलभराव की परिस्थितियां पैदा की हैं,अपने कामों को नजरअंदाज किए हुए हैं,बाकी गरीबों पर जो कि अपनी रोजी रोटी के लिए मोहताज हैं,उन पर रौब-गालिब करना नगरपालिका का शगल बन गया है।
शहर का चाहे प्रभु टाउन,बेलीगंज, निराला नगर, सत्य नगर, मलिक मऊ, फिरोज गांधी, इंदिरा नगर, आनंद नगर, राना नगर, अमरेश पुरी, न्यू रानानगर, सुरजूपुर कोई मोहल्ला ऐसा नहीं है जहां जलभराव के आगे लोगों की सारी दिनचर्या ध्वस्त ना हो गई हो। सुरजूपुर मोहल्ला तो जलभराव के कारण दिन भर शहर से अलग-थलग ही पड़ा रहा, कहारों का अड्डा,स्वराज नगर, बड़ा घोसियाना, छोटा घोसियाना, सोनिया नगर, किला बाजार, खतराना आदि मोहल्ले तो गंदगी के साथ-साथ जलभराव के कारण नरक का पर्याय बने हुए थे।
इन परिस्थितियों में लोगों में नगरपालिका की कार्यशैली को लेकर जबरदस्त आक्रोश है।यह चेतावनी है नगर पालिका प्रशासन को कि अपनी कार्यशैली में सुधार करें,वरना नगरपालिका के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
पवन मौर्य रिपोर्ट