सलोन रायबरेली –एसडीएम व सीओ द्दारा आरा मशीनों पर की गई छापेमारी के बाद चिन्हित की गई प्रतिबंधित लकड़ी को जब्त कर वन माफियाओ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। परन्तु पुलिस और वन विभाग के आपसी खींचतान में 24 घण्टे बाद भी वन माफियाओ पर मुकदमा नही दर्ज हो सका।पुलिस का आरोप है कि आरा मशीन के पास बने डिपो में पकड़ी गई बेश कीमती लकड़ी को वन विभाग ने वन माफियाओ के ही सुपुद्र कर दिया है।जबकि वन विभाग के अधिकारी अपनी साख बचाने के चक्कर मे मामले से पल्ला झाड़ रहे है।पुलिस सूत्रों की माने तो वन विभाग ने प्रतिबन्धित लकड़ी की गलत रिपोर्ट लगाकर तीन लोगों के विरुद्ध तहरीर दी है।सीओ ने जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।शानिवर को कोतवाली अंतर्गत जगतपुर मार्ग स्थित एक आरा मशीन पर एसडीएम दिव्या ओझा और सीओ इंद्रपाल सिंह द्वारा की गई छापेमारी से वन माफियाओ में हड़कम्प मच गया था।जिसके बाद एसडीएम ने लाखो रुपये की बेशकीमती लकड़ी को चिन्हित कर कार्यवाही करने का निर्देश पुलिस व वन विभाग को दिया था।वन क्षेत्राधिकारी नागेन्द्र पटेल ने बताया कि हिन्दुस्तान धर्म काँटा के सामने वा पीछे पड़ी प्रतिबन्धित लकड़ी को पुरनेंद्र प्रताप सिंह को सौपा गया है।मोहम्मद आलम के आरामशीन के पीछे पकड़ी गई लकड़ी को मोहम्मद आसिफ निवासी नयागंज सलोन व शहनाज बेगम के आरा मशीन के सामने पड़ी लकड़ी को सैफ उस्मान सलोन के सुपुद्र कर दिया गया है।रेंजर के मुताबिक इस घटना में शामिल विद्याधर पांडे पुत्र उमा शंकर निवासी खमरिया पूरे कुशल, करनैन पुत्र गुलाम हुसैन, पदारथ यादव पुत्र अज्ञात निवासी रानी का पुरवा थाना उदयपुर जनपद प्रतापगढ़ के विरुद्ध बीट प्रभारी लक्ष्मण गौड़ ने सलोन पुलिस को तहरीर सौपी है।वही सीओ इंद्रपाल का कहना है कि तहरीर ठीक से नही लिखी गई है।जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।एसडीएम दिव्या ओझा ने बताया कि प्रतिबन्धित लकड़ी डिपो से उठाकर कोतवाली लाने का भी निर्देश दिया गया है।मामले में जांच के बाद कठोर कार्यवाही के आदेश दिए गए है।
अनुज मौर्य/प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट