रायबरेली
जी हां बड़ा सवाल 15 अप्रैल चुनाव के दरमियान वैश्विक महामारी कोरोना गाइडलाइन का क्या पूरी तरह से किया जाएगा पालन,करना होगा सम्भव ।
वैश्विक महामारी कोरोना के इस संदर्भ में अभी तक मतदान स्थल या उसके आसपास की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।कि किस प्रकार वोटर उचित दूरी बनाकर मतदान करेगा। जिस प्रकार वोट मांगने के लिए प्रत्याशी भेड़ बकरियों की तरह झुंड में घूम रहे हैं इससे तो स्थिति और डरावनी हो गई है। इस बावत जिला प्रशासन द्वारा यह जन सूचना जारी की गई है कि मास्क लगाकर ही बाहर निकलना है। वोटर तो मतदान करने अवश्य जाएगा। वोट करने जाना भी चाहिए यह लोकतंत्र का अधिकार है। जो 5 वर्ष में एक बार ही मौका मिलता है। तो तेज धूप में मतदाताओं की कितनी बड़ी और लम्बी कतार लगेगी। या 2 गज का पालन करने के लिए कई किलोमीटर तक लंबी लाइन लगेगी। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मतदाता के मतदान करने का प्रतिशत गिरेगा। यह तो सौ फीसदी तय है। वहीं दूसरी ओर यदि बात की जाए तो सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से भी वोट डालने जाने की अपील, सरकारी प्रोत्साहन अभी तक लगभग शून्य है। इस बात पर कुछ संदेह नहीं है कि वोट कम पडेगा। वैश्विक महामारी कोरोना की गाइडलाइन जारी कर दी गई 2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी। तब भी वोट डालने के लिए तेज धूप में और लंबी कतार से वोटर कतरा सकता है। हाल ही की बात करें तो प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केशो की संख्या बढ़ी है इसलिए इसमें भी संदेह नहीं किया जाएगा की गाइडलाइन का पालन अधिकारी न करें अब यह बात अलग है की जमीनी स्तर पर किस प्रकार कार्य रणनीति तय की जाएगी। तब जाकर कही वोटों का प्रतिशत बढ़ सकता है। प्रत्याशियों की जीत – हार के निर्णायक प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं देखने को मिलेगा।
अनुज मौर्य रिपोर्ट