रायबरेली
जिले में आवारा मवेशियों से फसल बचाने की जद्दोजहद कर रहे किसानों की डीएम के नए आदेश से मुश्किलें बढ़ गई है। किसान अब अपने खेत में कटीले तार की बाड़ नहीं लगा सकेगा। वहीं पहले से लगे कटीले तार की बाड़ से फंसकर अगर कोई मवेशी घायल हुआ तो बाड़ लगाने वाले किसान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
क्षेत्र में आवारा मवेशियों को संरक्षित करने के लिए दर्जनों से अधिक गोसंरक्षण केंद्र बनाए गए हैं। इनमें हजारों की संख्या में मवेशी संरक्षित भी हैं। लेकिन इसके बाद भी आवारा मवेशियों से किसानों को छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। आवारा मवेशी क्षेत्र में किसानों की फसल रौंद रहे हैं। आवारा मवेशियों से अपनी फसलों को बचाने के लिए क्षेत्र के गांवों में चुनिंदा किसानों ने अपने खेत के चारों तरफ कटीले तार की बाड़ लगा दी।₹60-90 प्रति किलो में मिलने वाले कंटीले तार की बाड़ लगाना सभी किसानों के लिए संभव भी नहीं है। लेकिन आवारा पशुओं से परेशान किसान मजबूर हो फसलों को सुरक्षित करने के लिए अपना पेट काटकर बाड़ लगवाता था। लेकिन शासन के नए आदेश से अब क्षेत्र का किसान फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहा।इस बारे में अधीक्षक पशु चिकित्सालय डॉ. अजय कनौजिया ने बताया कि कंटीले तार की बाड़ में फंसकर मवेशी घायल हो जाते हैं। इसलिए शासन से ही कंटीले तार की बाड़ लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अनुज मौर्य/एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट