बॉलिवुड अभिनेता अनिल कपूर ने कहा कि तमाम यंग ऐक्टर्स मल्टीस्टारर फिल्म करने से खुद का करियर सेफ नहीं समझते हैं। इसी वजह से खूबसूरत और वीरे दी वेडिंग की कास्टिंग में बहुत दिक्कत हुई थी। लोग फिल्म की स्क्रिप्ट ले जाते थे, लेकिन पढ़ते भी नहीं थे। फिल्मं में हिरोइन का थोड़ा सा ज्यादा और मजबूत रोल होता है तब भी वह खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं। अनिल कपूर की मानें तो फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले कुछ लोगों को जैसे ही थोड़ी कामयाबी मिलती है उनका दिमाग खराब हो जाता है और उनका पागलपन सामने आ ही जाता है। मल्टीस्टारर फिल्मों की कास्टिंग में होने वाली दिक्कत पर बात करते हुए अनिल कपूर कहते हैं, आज भी बड़े सुपरस्टार्स मल्टीस्टारर फिल्म करने में डरते हैं। खास तौर पर आज के यंगस्टर्स में यह डर ज्यादा है। मुझे अपने होम प्रॉडक्शन की फिल्म खूबसूरत में दो हीरो को कास्ट करने में बहुत दिक्कत हुई थी। मैंने खुद कई लोगों को कहानी सुनाई थी, कुछ लोग स्क्रिप्ट लेकर गए, लेकिन पढ़ी भी नहीं। ऐसी ही तकलीफ हमें वीरे दी वेडिंग के दौरान भी हुई थी।
अनिल बताते हैं, मैं अपने दोस्त विधु विनोद चोपड़ा के साथ बात कर रहा था कि आज के यंग ऐक्टर्स समझते क्यों नहीं हैं। कहानी में हिरोइन का रोल थोड़ा सा ज्यादा अच्छा हो जाता है तो परेशानी हो जाती है। सच बात तो यह है कि इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है, जब फिल्म कामयाब होती है तो सबको फायदा होता है। हर फिल्म में आप फर्स्ट फ्रेम से लास्ट फ्रेम तक नहीं हो सकते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में आपसी ईगो से बिगड़ते काम पर अनिल ने कहा, फिल्म इंडस्ट्री में जिसको ज्यादा कामयाबी मिलती है, उसका दिमाग खराब हो जाता है, यहां पागलपन की कमी नहीं है। मैंने तो सबके अंदर ईगो देखा है, फिर चाहे वह ऐक्टर हो, डायरेक्टर हो या फिर प्रड्यूसर हो। लोग यह नहीं समझते हैं कि कामयाबी का रास्ता बहुत लंबा है, सबको छोटे रास्ते से ही कामयाबी चाहिए होती है।
अनिल बताते हैं, जब रेस 3 की कहानी मेरे पास आई थी तब मुझे काफी लोगों ने कहा था कि मल्टीस्टारर फिल्म है… यह होगा, वह होगा, मत कर यह फिल्म। ऐसी स्टारकास्ट के साथ क्यों काम कर रहे हो। मतलब इधर-उधर की बहुत सारी बातें लोगों ने मुझसे कहीं और समझाने की कोशिश की, ताकि मैं रेस 3 न करूं। यह अच्छी बात है कि मैं किसी की नहीं सुनता हूं, मैं अपने मन और दिल की बात सुनता हूं, अपनी समझदारी से काम करता हूं। अनिल आगे कहते हैं, मुझे लोगों की बातें सुनकर हैरानी होती थी कि ऐसी बातें आप कैसे कर सकते हैं। अब किसी की फिल्म चलती है किसी की नहीं। मुझे लगता है कि एक मल्टीस्टारर फिल्म में किसी एक की किस्मत भी अच्छी होती है तो फिल्म चल जाती है। अब इतने सारे ऐक्टर्स में किसी न किसी की किस्मत तो अच्छी होगी न। रेस 3 के दौरान मैं हमेशा सोचता था कि यह फिल्म मेरे और सलमान की किस्मत से नहीं बल्कि बाकी ऐक्टर्स की किस्मत से चलेगी। मैं इसी सोच के साथ काम करता हूं। शायद सलमान भी ऐसा ही सोचकर काम करते होंगे तभी इतने सालों से इतने बड़े स्टार हैं। फिल्म बनाना आसान काम नहीं है, प्रॉडक्शन के अनगिनत कामों के अलावा शूटिंग, स्क्रिप्ट, रिलीज़, प्रमोशन और भी बहुत कुछ होता है। मेरे हिसाब से सबसे मुश्किल काम होता है प्रड्यूसर का। बहुत कुछ तो आपके पिछले प्रॉजेक्ट पर आधारित होता है। अब जैसे वीरे दी वेडिंग की कास्टिंग, शूटिंग और प्रॉडक्शन में हमें बहुत दिक्कत हुई, लेकिन अब जब फिल्म सफल हो गई है तो अब हमारी अगली फिल्म के लिए रास्ते आसान हो गए हैं। हम जब वीरे दी वेडिंग बना रहे थे उस समय जो देरी हुई उस दौरान हमने बहुत सी और भी कहानियों में काम किया है। इस समय मेरे होम प्रॉडक्शन में बहुत सी पकी-पकाई कहानियां तैयार हैं। बस उनकी शूटिंग शुरू करनी है। हम हर तरह का काम कर रहे हैं, फिल्म, टीवी शो और वेब सीरीज का, सब चीजों का मसाला तैयार है।
रेस 3 के बाद अनिल कपूर की अगली फिल्म फन्ने खान है। यह फिल्म 3 अगस्त को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। इसके बाद अनिल एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा और टोटल धमाल में नजर आएंगे।