अधिकारियों की उदासीनता व विभागीय उपेक्षा से बदहाली की भेंट चढ़ रहे ग्रामीण क्षेत्रों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

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महराजगंज रायबरेली- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चिकित्सा सुविधाओं की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा कई हेक्टेयर भूमि पर करोड़ों की लागत से पीएचसी केन्द्रों का निर्माण कराने के साथ ही अस्पताल परिसर में ही चिकित्सकों से लेकर अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए आवासों का भी निर्माण कराया। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं मिलें। ऐसे ही महराजगंज क्षेत्र में हरदोई व घुरौना ग्राम सभा में दो केन्द्र बनाए गए। फिर भी चिकित्सा सुविधाओं का टोटा रहता है।इन केंद्रों पर न ही मानकों के अनुरूप डाक्टरों का स्टाफ है और न ही सुविधाएं। यदि किसी तरह डाक्टरों की तैनाती होती भी है तो वह एक से अधिक जगह संबद्ध होते हैं। ऐसा ही मामला देखने में तब आया जब दो केन्द्रों पर आन स्पाट पड़ताल की गई। जहां हरदोई पीएचसी में अत्यधिक गंदगी व डाक्टरों का कभी कभार ही आना ग्रामीणों ने बताया । जब इस बारे में तैनात चिकित्सक डॉ अकील अहमद से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां फार्मासिस्ट योगेन्द्र सिंह के अलावा अन्य स्टाफ की तैनाती ही नही है। जबकि दूसरे केंद्र घुरौना की पड़ताल में कई कमियां सामने आई जहां पर मेन गेट टूटा, आवासों में गायें बंधी मिली , कमरों में भूसा, कण्डे व गंदगी लगे कूड़े के बड़े ढेर, बिखरी पड़ी दवाएं, बेतरतीब कुर्सियां, गन्दे व बदबूदार मरीजों के बेड तो मिले, लेकिन चिकित्सक नदारद इस सम्बंध में जब अधीक्षक राधाकृष्णन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां दो चिकित्सकों के साथ अन्य स्टाफ की भी तैनाती है । यदि अनुपस्थित हैं तो जांच कराई जाएगी। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि हफ्ते दस दिन में कभी कभार ही डाक्टर साहब आते हैं। जिससे सुविधाएं उपलब्ध नही हो पाती मजबूरन हमें अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है। बताते चलें कि पीएचसी घुरौना लगभग तीन हेक्टेयर भूमि पर बना है जो इस कोरोना जैसी महामारी काल में लोगों के लिए बेहतर उपचार केंद्र के रूप में कार्य कर सकता था।
हद तो तब हो गई जब विजली के ट्रांसफॉर्मर से जुड़े कनेक्शन के खुले तार जमीन से मात्र तीन फिट ऊंचाई से ही अस्पताल को सप्लाई दे रहा है ऐसे में कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है । इनसेट- इन सुविधाओं के लिए बनाए गए पीएचसी केन्द्र। ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी जनसंख्या के हिस्से के स्वास्थ्य की देखभाल के साथ जन्म नियंत्रण कार्यक्रम, शिशु टीकाकरण, गर्भावस्था में महिलाओं को स्वास्थ्य सलाह व देखभाल, महामारी से बचाव व नियंत्रण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, रेफरेल सेवाएं, व 24घंटे अन्य प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां इन केंन्द्रों की होती है।

एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट

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