अभय ने बढाया जिले का मान मिला दिव्यांग रत्न सम्मान

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दिव्यांग रत्न सम्मान से विभूषित किये गए विशेष शिक्षक अभय

पिंक सिटी में सम्मानित किए गए अभय

जयपुर। अवसर था राजस्थान के पिंक सिटी जयपुर में आयोजित एक सम्मान समारोह का जिसमें श्री महावीर दिगम्बर जैन सभागार सी स्ट्रीट, में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगता के क्षेत्र में अति उत्कृष्ट काम करने वाली विभूतियों को दिव्यांग रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया।

कार्यक्रम में देश के कोने कोने से व देश के बाहर से आये हुए दिव्यांग जनों और समाजसेवियों को उनके उल्लेखनीय प्रयासों हेतु सम्मनित किया गया।

कार्यक्रम में अपने उद्दभोदन में बोलते हुए मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथिगणों ने अभय द्वारा दिव्यांग जनों हेतु किये जाने वाले प्रयासों की काफी सराहना की और इसी प्रकार अन्य लोगों को सबक लेने के लिए प्रेरित किया।

दिव्यांग जनों को समाज की मुख्यधारा में लाने का का प्रयास करने वाले अभय रायबरेली जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग की समेकित शिक्षा में कार्यरत हैं और विगत तेरह वर्षों से विभाग को अपनी सेवाएं पूरी निष्ठा से दे रहे हैं। अभय प्रदेश के एकमात्र ऐसे शिक्षक हैं जोें विकलांगता के तीनों ही क्षेत्रों मानसिक मंदता, दृष्टीबाधिताऔर श्रवण बाधित में प्रशिक्षित योग्यताधारी हैं । उन्होंने सभी प्रकार के दिव्यांग जनों को शिक्षित प्रशिक्षित भी किया है। एक ओर जहां बहुविकलांग बच्चों को आने पैरों पर खड़े गोकर चलना सिखाया , तो वहीं तमाम दृष्टिबाधित बच्चों को गीत संगीत, मोबाइल आदि के ज़रिए शिष्ट प्रशिक्षित किया वहीं मूकबधिर व अस्थि विकलांग बच्चों को चित्रकला, क्राफ्ट आदि के माध्यम से प्रशिक्षित किया।दिव्यांगों में छिपी हुई प्रतिभा को तलाशने और उसे निखारने के काम करते तो करते ही हैं। इसके अतिरिक्त सबसे महत्वपूर्ण बात ये की दिव्यांग जनों के लॉयड असम्भव समझने वाले कौशलों में भी उन्हें प्रशिक्षित करते हैं जैसे बैरन से लिखना, दृष्टिबाधित द्वारा साइकिल चलाना अभय के छात्र 88, 99 ,150 तक पहाड़े बड़ी कुशलता से सुनाते हैं, अभय फोन के माध्यम से भी बच्चों को सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी में टेंस आदि का ज्ञान कराते हैं। । आजिसका संचालन वो अपने स्वयं वेतन से करते आ रहे हैं।

इसके अतिरिक्त दिव्यांग जनों के हितार्थ उन्होंने 2008 में एक संस्था ओम मानव उत्थान संस्थान (ओमस) का गठन किया जो दिव्यांग जनों को स्वावलंबी बनाने का कार्य करती है। दिव्यांगों और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में स्वैछिक सेवा देने वाले लोग विशेषकर दिव्यांग जन ही इसमें सामाजिक सेवा का कार्य करते हैं। विभिन्न प्रकार की सरकारी एजेंडा के प्रचार प्रसार में जैसे मतदाता जागरूकता, योग, स्वच्छ भारत अभियान, खुले में शौच मुक्त भारत, पुलिस प्रशासन की 1090, डायल 100 , स्कूल हलो अभियान आदि में इनके दिव्यांग छात्र बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग करते हैं।

अभय को मिली अन्य उपलब्धियां:

2016 में आपको तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वयं एवार्ड से सम्मानित किया।

2017 में पटना बिहार में राष्ट्रीय स्तर का रीता पेशावरिया सम्मान, मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा प्राप्त हुआ,

2018 में राष्ट्रीय स्तर का अशोक एवार्ड, बिहार राज्य के निःशक्त जन आयुक्त शिवाजी कुमार व सांसद जीतनराम मांझी द्वारा प्रदान किया गया।

साथ ही जिला स्तर पर भी तीन बार जिलाधिकारी द्वारा, दो बार अपर जिला अधिकारी द्वारा कई अन्य जिलास्तरीय, ब्लाकस्तरीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं

2017 में विशेष शिक्षक अभय की संघर्ष गाथा” बून्द ” नाम की एक जीवनी विश्व रिकॉर्ड धारी लेखक व कवि मृगेंद्र राज पांडे द्वारा लिखी गयी।

कुछ टीवी चैनलों द्वारा अभय की डॉक्यूमेंट्री बनाकर इन्हें प्रोत्साहित भी किया गया।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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