आपसे जो ईश्वर का संग करा दें उसे सत्संग कहते हैं-श्याम सुंदर पाराशर

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प्रतापगढ़- आपसे जो ईश्वर का संग करा दें उसे सत्संग कहते हैं सत्संग से अज्ञान मिट जाता है तथा ज्ञान का भास्कर उदित होता है विवेक के जागृत होने पर अज्ञान का अंधकार नष्ट हो जाता है उक्त बातें श्रीमद् भागवत कथा के प्रकांड विद्वान डॉ श्याम सुंदर पाराशर ने पंडित कमला कांत तिवारी तिवारीपुर गोकुला के यहां चल रही भागवत कथा में कहीं श्री पाराशर ने आगे कहा के भागवत कथा के श्रवण से चित्र और मन साफ हो जाता है

कलुषित मन मटमैला जल के समान होता है उसमें कोई भी प्रतिबिंब दृश्य मान नहीं होता है मन को निर्मल जल की तरह करने के लिए भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए यह हमारे शास्त्र कहते हैं श्री पाराशर ने कहा कि मन मुखी की संगति निरर्थक होती है सारण्य की संगति सार्थक होती है श्रीराम का उदाहरण देकर बताया कि राम की नीत शत्रु को भी मित्र बना लेते हैं वहीं रावण की नीत सगे संबंधियों को भी शत्रु बना देती है कथा व्यास ने ज्ञान युक्त भक्ति पर जोर देते हुए कहा कि दिशाहीन भक्ति किसी काम की नहीं होती नीति के अनुरूप चलने पर दोनों लोग संवर जाते हैं रुचि के अनुरूप चलने वालों का कष्टों का सामना करना पड़ता है

भागवत कथा तो क्षेत्र में बहुत सारी हो चुकी हैं परंतु चल रही भागवत कथा कुछ अलग ही है यह बातें भारी संख्या में जुड़ने वाले कथा प्रेमियों की जुबानी सुनी जा रही है उक्त कथा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पंडित केसरीनाथ त्रिपाठी आशुतोष तिवारी माता बख़्श मिश्रा उर्फ कुल्लुर महराज आद्मा प्रसाद मिश्र अरूण शुक्ल सूर्य बख़्श सिंह रमाकांत शुक्ला भगवानपुर फौजी लालता प्रसाद पाण्डेय झुग्गी लाल हौसला प्रसाद ओझा अभय सिंह मनेहूं दिनेश मिश्रा राघ बेंद्र तिवारी पी बी सिंह श्याम शंकर शुक्ला प्रबंधक ग्रामीण इंटर कॉलेज रामचंद्र तिवारी संतोष दुबे समेत हजारों लोग प्रायः अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर पुण्य लाभ ले रहे हैं।

अवनीश कुमार मिश्रा रिपोर्ट

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