इंसानियत का पैगाम देती इमाम हुसैन की शहादत

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रायबरेली।कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ शहादत देने वाले हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले माहे मोहर्रम की 4 तारीख को (बुधवार की शाम) नगर में कई स्थानों पर मजलिस मातम करके लोगो ने नज़राने अकीदत पेश किया। नगर के वार्ड नं 10 स्थित इमामबाड़ा काज़ी हाशिम अली में रात 9 बजे मजलिस शुरू हुई।मजलिस को अली अब्बास ने खिताब किया।उसके बाद बड़े इमामबड़ा आग़ा हुसैन में मजलिस शुरू हुई जिसको शम्सी रिज़वी ने पढ़ते हुए बताया कि इमाम हुसैन (अ.स)की शहादत इंसानियत का पैगाम देती है। इस्लाम में किसी पर जुल्म करने वाला मुसलमान नहीं हो सकता।

आज से लगभग 1400 साल पहले पैगम्बर हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को भूखा, प्यासा, बेदर्दी के साथ कर्बला में शहीद कर दिया गया जिसकी याद में हर साल मोहर्रम मनाया जाता है।इस महीने में इमाम हुसैन के मानने वाले उनका ग़म मानते हैं।
मजलिस में सेक्रेटरी इतरत नक़वी,आरिफ नक़वी,नाज़िम रिज़वी, बाबर हादी ,आसिफ मेहदी ,अर्शी नक़वी,परवेज़ आदि सहित बहुत से लोग मौजूद थे।

शम्शी रिजवी रिपोर्ट

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