इस पीपल के पेड़ की अपनी कहानी

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प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ सेनानी ग्राम देवली परसन पांडे का पुरवा दास की मातृभूमि पर मेरे पूर्वजों की जमीन पर स्थित कुए के अंदर से पीपल का वृक्ष उग आया था जिसकी जड़ कुएं में लगभग 40 फीट नीचे चली गई थी। जबकि अक्सर पीपल के वृक्ष की जड़ डेढ़ 2 मीटर ही अंदर रहती है, और मोटे मोटे पीपल के वृक्ष कभी-कभी तूफान या पानी आने पर गिर जाते हैं। कुआं का पानी सूख गया था। दास ने सोचा कि इस पर एक चबूतरा बना दिया जाए ठाकुर जी की कृपा से कार्तिक मास में चबूतरा बनकर तैयार हो गया ।इस वृक्ष की जड़ इतने नीचे गई है कि शायद यह वृक्ष सैकड़ों वर्ष तक विद्ममान रहेगा।
आज उस पीपल के वृक्ष के नीचे सुंदरकांड का पाठ हुआ गांव के काफी भक्त गण उपस्थित रहे। मेरी मां श्रीमती शारदा देवी पत्नी स्वर्गीय सूर्य बली पांडे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी उक्त अवसर पर चबूतरे पर बैठ कर पूजन अर्चन किया और सुंदरकांड पाठ में भाग लिया, बड़ा ही सुंदर एवं अलौकिक क्षण था।
भगवान सूर्य अस्ताचल की ओर जा रहे थे उनकी लालिमा उस समय हम लोगों पर पड़ रही थी।
अभी माताजी थोड़े दिन पहले बीमार हुई थी और आप सब के आशीर्वाद से ठीक हो कर घर आ गई थीं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राम प्रकाश पांडे पूर्व शिक्षक चंद्रशेखर दत्त पांडे भगवत प्रसाद पांडे राम मनोहर पांडे पूर्व इंस्पेक्टर राम अनुज पांडे नरसिंह नारायण पांडे डॉ अवंतिका पांडे अशोक कुमार सिंह विनय कुमार पांडे प्रणव कुमार पांडे गुरुदीन प्रजापति जय प्रकाश पांडे सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

अवनीश कुमार मिश्रा रिपोर्ट

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