”उन क़े होने से बख़्त होते है, बाप घर क़े दरख़्त होते है”

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महराजगंज रायबरेली
”उन क़े होने से बख़्त होते है, बाप घर क़े दरख़्त होते है” किसी गुमनाम शायर क़ी यह पंक्तियाँ चेयरमैन प्रतिनिधि प्रभात साहू एवं उनके पिता सत्यनारायण गुप्ता (बाबू जी ) क़े बीच क़े अपनत्व को समझने को काफी है।
शनिवार को चेयरमैन प्रतिनिधि प्रभात साहू द्वारा आनन्द नगर स्थित पैतृक आवास पर अपने पिता एवं क्षेत्र क़े समाजसेवी व लोकतन्त्र सेनानी सत्यनारायण गुप्ता का 86 वां जन्मदिन सादगी पूर्वक मनाया। इस दौरान प्रभात साहू एवं उनकी पत्नी चेयरमैन सरला साहू द्वारा बच्चों संग पिता सत्यनारायण गुप्ता क़ी आरती एवं चरणों को छूकर आशीर्वाद लिया गया। वही कस्बे क़े गणमान्य लोगो ने भी पहुंच प्रभात साहू क़े पिता जी का आशीर्वाद लेकर उनके दीर्घायु क़ी कामना ईश्वर से क़ी। मालूम हो क़ी इमरजेन्सी क़े दौरान कांग्रेस का गण एवं रायबरेली से इन्दिरा गांधी क़े सांसद होने क़े बावजूद काले कानून का विरोध एवं सत्य का साथ देने क़े लिए ख्याति प्राप्त सत्यनारायण गुप्ता द्वारा शिक्षा में क्षेत्र क़े पिछड़ेपन को देख कस्बे क़े बछरावा रोड पर सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय क़ी जमीन एवं स्वामी अड़गडानन्द जी महराज जी क़े नाम पर 8 बीघे जमीन भौसी आश्रम में देने क़े लिए क्षेत्र में प्रसिध्द है। उनकी समाजसेवी छवि का असर कस्बे क़ी जनता को उनके पुत्र प्रभात साहू में भी देखने को मिलती है। जिसके चलते प्रभात साहू क़ी पत्नी को जनता का लगातार तीसरी बार साथ मिला। नगर क़े लोगो का कहना है क़ी अपने पिता क़ी भांति प्रभात साहू भी गरीब, जरूरतमंद एवं निराश्रितो क़ी सेवा करने से पीछे नही हटते। प्रभात साहू ने बताया क़ी बाबू जी ने हमेशा दूसरे क़ी मदद करने क़ी शिक्षा दी है, जीवंत में उनके महत्व को इन लाइनों ” परिवार क़े चेहरे पर ये जो मुस्कान हंसती है, पिता ही है जिनमे सबकी जान बसती है।” भली भांति समझा जा सकता है।

एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट

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