ऋचा चौधरी का हुआ पी.सी.एस. में चयन ,परिजनों में खुशी का माहौल

778

रायबरेली

कहते हैं अगर आदमी का इरादा मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल उसका रास्ता नहीं रोक सकती। इस बात को साबित किया है रायबरेली जनपद के रामपुर कलां निवासी सहायक विकास अधिकारी दिनेश चौधरी की भतीजी व सन्त गाडगे सेवक अखिल भारतीय धोबी महासंघ के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश चौधरी की पुत्री श्रीमती ऋचा चौधरी ने। श्रीमती ऋचा चौधरी का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पी.सी.एस. परीक्षा में मत्स्य विभाग में सहायक निदेशक के पद पर हुआ है। उल्लेखनीय है कि श्रीमती ऋचा चौधरी के पति श्री नरेश सिंह वर्तमान समय में क्षेत्राधिकारी नगर मऊ सिटी के पद पर कार्यरत हैं। श्रीमती ऋचा चौधरी के चयन की सूचना मिलते ही रायबरेली स्थित उनके आवास पर खुशी का माहौल हो गया, परिवारीजनों एवं शुभचिन्तकों ने एक-दूसरे का मूँह मीठाकर श्रीमती ऋ़चा चौधरी को बधाई दी। बधाई देने वालो में मुख्य रूप से पूर्व डीजीसी ओ.पी. यादव, समाजवादी व्यापार सभा जिलाध्यक्ष मुकेश रस्तोगी, भोला चैधरी, वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एल. पाल, पं0 राघवेन्द्र मिश्र, बृजेन्द्र सिंह, सुरेश चन्द्र यादव, अशोक कुमार मिश्रा, राजेन्द्र यादव, राजेश श्रीवास्तव, पूर्व सपा अध्यक्ष राम बहादुर यादव, सपा जिलाध्यक्ष इं. वीरेन्द्र यादव, महामंत्री अरशद खान, कांग्रेस के प्रान्तीय नेता जावेद अहमद खान, पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष जे.आर. वाडले, स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष भौमेश स्वर्णकार, अमर कनौजिया, रवि राय, श्रीमती सीमा रस्तोगी, राजराम कनौजिया, गुरूचरन लाल, राष्ट्रीय पासी सेना अध्यक्ष संजय पासी, समाजवादी अधिवक्ता सभा जिलाध्यक्ष शशि यादव, कैलाश कनौजिया, दिनेश शर्मा, रामनरेश चैधरी, संजीव सिंह, शत्रोहन पटेल, सुशील मौर्या, धर्मेन्द्र दरियाबादी, रामनरायन यादव, मो0 शमशाद, मो0 शाकिब कुरैशी, ओ.पी. तिवारी, के.के. सिंह, अमित पाण्डेय, श्याम सुन्दर त्रिपाठी, ओम प्रकाश ओझा, मिथलेश ओझा, सुनील त्रिपाठी, अविनाश श्रीवास्तव, श्यामलाल दिवाकर, हीरालाल यादव, सुनीता चौधरी, जंगली धोबी, सावित्री दीवान, अशोक प्रियदर्शी, रामकुमार, नन्दकुमार कनौजिया, उमाशंकर, पप्पू, ग्राम प्रधान दिलीप धोबी, राजकुमार निर्मल आदि लोग उपस्थित रहे।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

Previous articleलोक निर्माण विभाग योगी सरकार क़े गड्ढा मुक्त अभियान को ठेंगा दिखा रहा
Next articleबिना लाइसेंस के चल रही मीट और अंडे की दुकानें, जिम्मेदार मौन