गर्मी की भीषणता, बढ़ते तापमान एवं गिरते भू-जल स्तर एवं पेयजल की समस्या को गम्भीरता से ले अधिकारी : डीएम

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  • पेयजल की समस्या में शिथिलता व लापरवाही बरते वाले अधिकारियों/कर्मचारी के विरूद्ध होगी कठोर कार्यवाही : नेहा शर्मा

  • खराब हैण्डपम्प 07 दिन से अधिक अवधि तक खराब नही रहना चाहिए : नेहा

रायबरेली। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि गर्मी की भीषणता, बढ़ते तापमान एवं गिरते भू-जल स्तर के कारण जनपद के कई स्थानों पर पेयजल की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस परिस्थितियों से सम्बन्धित कारणों एवं समस्याओं का तत्काल प्रभावी ढंग से निराकरण किया जाना नितान्त आवश्यक है, ताकि जनसामान्य को पेयजल की उपलब्धता बनी रहें। इस कार्य के लिए जल निगम/ग्राम्य विकास/पंचायती राज के फील्ड स्तरीय अधिकारियों को न केवल दक्षता एवं कुशलता के साथ कार्य करना है, बल्कि जन सामान्य की पेयजल की आवश्यकता के प्रति सजग एवं संवेदशील रहने की भी आवश्यकता है। पेयजल की समस्या के निदान हेतु ट्यूबवेलों व हैण्डपम्पों की मरम्मत तथा पीने के पानी की पाइप लाइनों से सम्बन्धित कार्यो को सर्वोच्च वरीयता प्रदान की जाये। पेयजल संयंत्रों यथा ट्यूबवेल तथा पाइप योजनाओं को निर्वाध रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये, जिससे सतत् रूप से पेयजल की उपलब्ध्यता ग्रामीण क्षेत्रों में बनी रहें। पेयजल व्यवस्था सुचारू रूप से करने के लिए विद्युत विभाग एवं सिंचाई विभाग से समन्वय स्थापित कर पूर्ण मदद ली जाये।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि पाइप पेयजल योजना के जरियें हो रही जलापूर्ति के दौरान बहुत सी जगहों पर वाटर लीकेज होने से बहुमूल्य पेयजल बर्बाद होता है जिसे तत्काल रोकने के प्रभावी उपाय उ0प्र जल निगम को निर्देश दिये।पशुओं के पीने के पानी हेतु सिंचाई विभाग की नहरों, राजकीय नलकूपों के माध्यम से तालाब एवं पोखरों को भरवाने की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाये, जिससे पशुओं को गर्मी के दिनों में पीनें के पानी की कोई समस्या न उत्पन्न हो। उन्होंने खराब ट्रांसफार्मर निर्धारित अवधि में बदलने समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये तथा इस पर सर्तक दृष्टि रखते हुए रोस्टर के अनुसार निर्धारित समय में निर्वाध विद्युत आपूर्ति हेतु व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। सिंचाई के सभी संसाधनों/सरकारी नलकूपों को चालू स्थिति में रखा जाये एवं नहरों में अवैध कटान पर कड़ी निगरानी रखते हुए पूरी क्षमता से चलाये जाने की व्यवस्था रखी जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित पेयजल के समस्त स्रोतों की क्रियाशीलता प्रत्येक दशा में सुनिश्चित की जाये, जिससे सतत् रूप से पेयजल की आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में होती रहें। जिलाधिकारी ने जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या के समाधान हेतु आपसी समन्वय स्थापित कर स्थानीय आवश्यकतानुसार प्रभावित स्थानों पर मरम्मत योग्य/रिबोर योग्य हैण्डपम्पों की मरम्मत/रिबोर का कार्य ग्राम पंचायतों के माध्यम से प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराया जाये। खराब हैण्डपम्प किसी भी दशा में 07 दिन से अधिक अवधि तक खराब नही रहना चाहिए, अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित उत्तरदायी कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल समस्या से तत्काल राहत पहंचने के उदेश्य से आवश्यकतानुसार टैंकरों के माध्यम से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये एवं पेयजल की समस्या के दृष्टिगत त्वरित कार्यवाही हेतु टैंकर्स की उपलब्धता ब्लाकों में सुनिश्चित करायी जाये। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि टैंकरों में पेयजल कहा भरा जायेगा, इसकी प्रभावी व्यवस्था समय से खण्ड विकास अधिकारी/अधिशाषी अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम द्वारा कर ली जाये। ग्राष्म ऋतु में पेयजल समस्या के त्वरित समाधान हेतु खण्ड एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों को 24 घण्टे ‘‘एलर्ट’’ रहने की आवश्यकता है ताकि पयेजल की समस्या के समाधान हेतु सम्बन्धित अधिकारी सक्रिय रूप से त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कर सकें।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने निर्देश देते हुए कहा कि खण्ड विकास अधिकारी/अधि0अभि0 उ0प्र0 जल निगम/जिला पंचायत राज अधिकारी/विकास खण्ड के नोडल अधिकारी एवं सम्बन्धित उप जिलाधिकारी को द्वारा नियमित रूप से किया जायेगा, जिससे कोई विपरीत स्थिति उत्पन्न न होने पावें। यदि किसी विकास खण्ड की किसी ग्राम पंचायत में जनसामान्य को एवं पशुओं को पीने की कोई गम्भीर समस्या प्रकाश में आती है, तो सम्बन्धित उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी तत्काल इसे संज्ञान में लेकर पेयजल की आवश्यकता के दृष्टिगत त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही करते हुये समस्या का समाधान सुनिश्चित करायेगें। यदि निर्देशों के अनुपालन में किसी भी स्तर पर कोई शिथिलता व लापरवाही किये जाने के कारण पेयजल की कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो इसे गम्भीरता से लेते हुये सम्बन्धित उत्तरायी अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्ति की जायेगी।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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