महराजगंज रायबरेली
भाजपा सरकार होने क़े बावजूद गौशालाओं में गौवंशो क़ी देखरेख एवं अन्य इन्तेजामात में लापरवाही बरती जा रही। जिलाधिकारी क़े संज्ञान में होने क़े बावजूद जिम्मेदारों पर कार्यवाही क़े बजाए प्रशासन द्वारा ढाल बन गौवंशो क़े मृत शरीर को कुत्तो से नोचवाने का कार्य प्रशासन द्वारा किया जा रहा।
मामला जिला पंचायत द्वारा संचालित पूरे जमादार मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला गांव क़ी गौशाला का है। 11 अक्टूबर को गौवंशों क़े खुले में फेंके शवों को नोचते कौवे एवं कुत्तों क़ी खबर विभिन्न अखबारों में प्रकाशित होने क़े बाद भी प्रशासन लापरवाह दिखता नजर आ रहा। शनिवार को गौशाला क़े बाहर पुनः मृत गौवंशो क़े शवों को कुत्ते नोचते दिखाई पड़े एवं गौशाला में मौत क़ी बात झूठलाने वाले प्रशासन को गौशाला क़े अंदर ही दो गौवंशो क़े मृत शरीर दिखाई पड़े जिनमे से एक को गौशाला क़े अंदर ही कुत्तो ने नोच खाया। मालूम हो क़ी एक सप्ताह पूर्व भी 4 गौवंशो क़े शव खुले में फेक़े पड़े थे जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने क़े बाद प्रशासन द्वारा गड्ढे खुदवा दफ़नाए गए, किन्तु गौशाला में लगातार हो रही मौतों से अब संचालन व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह उठते दिखाई पड़ रहे। ग्रामीणों ने बताया क़ी एक सप्ताह पूर्व प्रकरण से जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी सहित जिले क़े अन्य उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया किन्तु नतीजा ढाक क़े तीन पात ही साबित हुआ। फिलहाल शनिवार को ग्रामीणों क़ी पुनः शिकायत पर पहुंचे तहसीलदार विनोद कुमार सिंह ने गौशाला क़ी जांच क़ी जहां दो गौवंशो क़े मृत शरीर मिले जिस पर प्रभारी गौशाला/कर समाहर्ता जिला पंचायत राम अकबाल को कड़ी फटकार लगाई। मौके पर गौचरो क़ी नाद में सूखा भूसा एवं पीने को गंदा पानी दिखाई पड़ा। जिस पर मौक़े पर मौजूद जिला पशु चिकित्सा अधिकारी जीपी सिंह ने संचालक को व्यवस्था दुरुस्त करने क़े निर्देश दिए। किन्तु सवाल अभी भी मुंह बाए खड़ा है क़ी गौशाला में हुई मौतों पर प्रशासन जिम्मेदारी तय करने से क्यूं बच रहा ? जबकि दो हफ्ते में दर्जन भर क़े करीब गौचर मौत क़ी नींद सों चुके है।
अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट