घटतौली से लुट रहे गैस उपभोक्ता

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उपभोक्ताओं को घर तक रसोई गैस पहुंचाने वाली ऐजेंसी द्वारा जमकर घटतौली की जा रही है।

रायबरेली (लालगंज)। क्षेत्र मे घटतौली से लूट रहे गैस उपभोक्ता उपभोक्ताओं को घर तक रसोई गैस पहुंचाने वाली एजेंसी द्वारा जमकर घटतौली की जा रही है। उनके आगे सारे नियम फेल साबित हो रहे हैं। इससे न केवल उपभोक्ताओं को चूना लग रहा है।ऐजेंसियों द्वारा गैस अपने वाहन से लेकर उपभोक्ताओं तक पहुचाने का काम कर रहे कर्मचारियों और ऐजेंसी अधिकारियों के मिली भगत से हो रहा खेल गाडी लेकर उपभोक्ता तक गैस सिलेंडर पहुचाने वाले कर्मचारी प्रति सिलेंडर बीस से तीन रुपये खर्च अलग से लेते जब इसकी शिकायत एजेंसी मैनेजर से की जाती तो वह जांच का हवाला देकर मामले को टाल देते है। परन्तु इसके बावजूद भी बडा खेल चल रहा कस्बे से लेकर ग्रामीण इलाकों तक गैस सिलेंडर पहुचाने का काम चल रहा।

उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी हो रही बल्कि इनकी आवाज भी कोई सुनने वाला नहीं है। चाहे वह गैस एजेंसी संचालक हो या आपूर्ति विभाग। ऐसे में उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है। घरेलू गैस में ऐजेंसी घटतौली का खेल कर रही हैं। उपभोक्ताओं को दो से तीन किलो गैस कम मिल रही है। शक होने पर कर्मचारियों से गैस तौलने के लिए कहा जाता तो वह मशीन न होने की बात कहते हैं।, जबकि नियम यह है। कि अगर दस ग्राम भी गैस कम मिली तो उपभोक्ताओं को दूसरा सिलेंडर देना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। रसोई गैस के वजन में जमकर खेल हो रहा है। गैस वितरण कर्मचारी गैस सिलेंडर लेने के बाद कुछ सिलेंडर घर या किसी निश्चित स्थान पर रख आते हैं। और वहां पर पहले से रखे सिलेंडर उठाकर ग्राहकों के घर बांटते हैं। इन सिलेंडरों में दो से तीन किलो गैस कम रहती है। सिलेंडरों से गैस निकालकर कर नकली सील लगा दी जाती है।उपभोक्ताओं में बढ़ रहा आक्रोश घटतौली का खेल गैस एजेंसी संचालक व सिलेंडर वितरण में लगे कर्मचारी मिलकर कर रहे हैं। यह खेल लंबे समय से चल रहा है। इसको लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश है, जबकि आपूर्ति विभाग इससे अनभिज्ञ बना है। कस्बे से लेकर ग्रामीण इलाकों में इन दिनों सिलेंडर से गैस चोरी का खेल व्यापक पैमाने पर खेला जा रहा है। मैनुअल कांटा से होता है वजन केंद्र सरकार ने बेशक अंतर्राष्ट्रीय मानक वाला कांटा रखना अनिवार्य कर दिया है लेकिन काटे में गड़बड़ी कर सिलेंडर से दो से तीन किलो तक गैस की चोरी की जाती रसोई गैस की कालाबाजारी और घटतौली उपभोक्ताओं के लिए भी सिरदर्द बनी हुई है।जबकि केंद्र सरकार ने रसोई गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए ही अनुदान राशि सीधे उपभोक्ता के खाते में भेजने का प्रावधान बना रखा है।ताजा मामला कस्बे की एक गैस ऐजेंसी का सिलेंडर लेकर कस्बे से लेकर ग्रामीण इलाकों तक गैस पहुचाने काम कर रहे कर्मचारी उपभोक्ता को गैस सिलेंडर दिया उपभोक्ता को शक हुई तो उसने वजन करा दिया जिसमें तीन किलो वजन कम रहा उपभोक्ता ने जब इसकी शिकायत ऐजेंसी मैनेजर की

क्या कहते एजेंसी मैनेजर जरा इनकी सुनिए

उपभोक्ता ने बताया कि सिलेंडर में 3 किलो गैस कम है। तो मैनेजर साहब जवाब में कहते हैं। कि गर्मी की वजह से गैस लीकेज हो गई है। जिसकी वजह से गैस कम है। कोई बात नहीं आपको दूसरा सिलेंडर उपलब्ध करा दिया जाएगा परंतु जानकारी होने पर हो रहा है। इससे पहले कितने सिलेंडर घटतौली के मिले यह तो पता नहीं चोरी पकडी जाने पर मैनेजर ने जाचं कराने का हवाला दिया मामला उलझे न इससे पहले आननफानन मे उपभोक्ता को दूसरा सिलेंडर उपलब्ध कराया गया परंतु अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए मैनेजर ने कहां गैस सिलेंडर लेते वक्त वितरण करने वाले कर्मचारियों से गैस वजन करा कर ही लें और सील चेक कर ही गैस ले जितनी कीमत गैस सिलेंडर की है। उतने ही दाम कर्मचारी को दें। डिलेवरी के समय उपभोक्ता के सामने ही सिलेंडर तौला जाएगा। उपभोक्ता को गैस कम होने का शक होतो कांटा कराके ले। इसका भी रखें ध्यान -स्प्रिंग बैलेंस से सिलेंडर का तौल कराकर लें।सिलेंडर लेते समय उसकी सील टूटी हुई न हो यह चेक कर लें।सिलेंडर लेते समय लीकेज अवश्य चेक कराएं। कर्मचारी को गैस के निर्धारित मूल्य से अधिक दाम न दें।

अनुज मौर्य/सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट

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