सताँव (रायबरेली)। आईएफएफडीसी द्वारा संचालित मलिकमऊ कृषि वानिकी सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा अपने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को शीघ्र ही चादर बुनने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। समिति परिसर में बुधवार को आयोजित वार्षिक आमसभा की बैठक का संचालन करते हुये पूर्व अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने यह जानकारी देते हुये बताया कि अभी तक समूह के सदस्य विभिन्न प्रकार के छोटे उद्योग करके आत्म निर्भर होते रहे हैं, लेकिन कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण उनके जीवन में सफलता के नये द्वार खोल देगा। उल्लेखनीय है कि बीत रहे वित्तीय साल में समिति द्वारा कराये गये कार्यों का अनुमोदन करने व भविष्य की कार्य योजना बनाने के लिए बुधवार को वानिकी परिसर में मलिकमऊ कृषि वानिकी सहकारी समिति की आमसभा की वार्षिक बैठक आयोजित की गयी। समिति अध्यक्ष राजपती सिंह द्वारा आहूत बैठक की अध्यक्षता साधन सहकारी समिति कोरिहर के अध्यक्ष कौशल किशोर पाण्डेय ने की, जबकि सतांव के सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) दिनेश मौर्य इस बैठक में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होने अपने सम्बोधन में समिति को सफलताओं के शीर्ष पर ले जाने के लिए पूर्व अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह व उनकी टीम की सराहना की। समिति की अध्यक्ष राजपती सिंह ने कहा है कि बढ़ते प्रदूषण व प्राकृतिक असन्तुलन से बचने के लिए वृहद वृक्षारोपण की प्रबल आवश्यकता है। बैठक में मौजूद रहे मलिकमऊ प्रधान श्यामलाल सन्तोषी ने समिति परिसर के अन्दर बने कच्चे रास्तों पर खड़ंजा लगवाने व दो सामूहिक शौचालय बनवाने की घोषणा की। संचालन कर रहे समिति के पूर्व अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने बताया कि समिति द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह नैपकीन, मोमबत्ती व अगरबत्ती बना रहे है, सिलाई का प्रशिक्षण ले रहे हैं और साक्षरता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इससे वे आत्म निर्भर हो रहे हैं। शीघ्र ही समूह के लोगों को चादर बुनने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। मलिकमऊ कृषि वानिकी सहकारी समिति के उपाध्यक्ष प्रेमशंकर तिवारी व संचालक अरविन्द पाण्डेय ने भी हिस्सा लिया। समिति के अन्य संचालक पह्लाद यादव, विनोद त्रिवेदी, विष्णु रक्षा द्विवेदी, सरोज सिंह, सूर्यपाल यादव, छिट्टन पासवान ने भी अलग-अलग कार्यों के प्रस्ताव रखे। बैठक में लल्लू शर्मा, गेंदालाल गुप्ता, पिंकी टेलर, दिनेश मिश्र, रमाकान्त तिवारी, पप्पू द्विवेदी, तेज बहादुर, भगौती सिंह, रमाकान्त दाढ़ी व उदयभान सिंह आदि लोग भी उपस्थित रहे।