डलमऊ (रायबरेली)। उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार है। परन्तु सर्व शिक्षा अभियान की हवा निकालते तहसील डलमऊ के आला अधिकारी नजर आ रहे हैं। जहां एक ओर प्रत्येक तहसील के अधिकारियों द्वारा विद्यालय खुलने के सत्र में स्कूल चलो अभियान की रैलियां आदि निकाल कर लोगों को जागरूक किया जाता है वही तहसील डलमऊ परिसर के भवनों की मरम्मत के कार्य में ठेकेदार द्वारा तहसील के आला अधिकारियों की नाक के नीचे बेखौफ होकर खुलेआम बाल मजदूरी करवाई जा रही है। यही नहीं उपजिलाधिकारी डलमऊ से इसकी शिकायत करने पर जांच कर कारवाई करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तहसील मुख्यालयों के भवनों की मरम्मत हेतु उपलब्ध कराए गए धन के क्रम में डलमऊ तहसील परिसर के कार्यालयों व न्यायालयों और आवासीय भवनों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है जिसमें कार्यदाई संस्था के ठेकेदार बेखौफ होकर तहसील के आला अधिकारियों के नाक के नीचे खुलेआम बाल मजदूरी करवाते नजर आ रहे हैं। यही नहीं इन बाल मजदूरों से एकांत स्थल के मरम्मत का कार्य कराया जाता है।जहां आम लोगों की नजर ना पड़ सके और रुपयों के लालच में इस प्रकार के अबोध बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के समय मजदूरी में लगे रहते हैं।शायद इनके शिक्षा के अधिकार को दिलाने के लिए कोई अधिकारी स्वयं की जिम्मेदारी नहीं समझ रहे है। क्षेत्रीय लोगों की शिकायत के बावजूद उपजिलाधिकारी डलमऊ द्वारा जांच तो की गई लेकिन बताया गया कि बच्चे काम नहीं करते और वहां खेलने के लिए बैठे रहते हैं। आखिर मरम्मत वाला स्थान क्या खेल का मैदान है या पर्यटन स्थल जिम्मेदार अधिकारी के इस प्रकार के बयान हंसी के चुटकुले लग रहे हैं।
जिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है लेकिन निरीक्षण के समय छोटे बच्चे मौके पर पाए गए जो बैठे थे।परन्तु वह काम नहीं कर रहे थे और यदि उनसे बाल मजदूरी कराई जा रही है तो कार्रवाई की जाएगी।
अनुज मौर्य रिपोर्ट