ऊंचाहार (रायबरेली)। जिन किसानों के निस्पृह बलिदानों से पनवारी की धरती में धमक और आब विद्यमान है उन्हीं किसानों की शहादत इस बार मजाक बन गयी। शोषित, पीड़ित तथा दीन-दलित किसानों द्वारा मरता क्या न करता के रूप में रायबरेली का पनवारी ‘गोलीकाण्ड’ एक बलिदानी विद्रोह था। स्थानीय प्रशासन ने इस बार इस ऐतिहासिक घटना को याद करने की महज औपचारिकता पूरी की हैं। पनवारी के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखने वाली इस शहादत पर प्रशासन की बेपरवाही दिखी। सिर्फ खानापूर्ति की गई। शहीद स्मरक की पुताई तक नहीं कराई गई। आसपास की साफ-सफाई भी आषानुरूप नहीं दिखी। ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के दौलत पुर ग्रामसभा के पनवारी गोली कांड के शहीदों को उपजिलाधिकारी प्रदीप वर्मा, नायब तहसीलदार रामदेव, एडीओ पंचायत जयशंकर तिवारी, एसएस के पांडेय बेसिक शिक्षा आदि ने शहीद स्मारक में फूल माला चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। एसडीएम प्रदीप वर्मा ने कहा कि जैसा कि यहां का इतिहास है कि जब अंग्रेजों का जुल्मों सितम चरम पर था तब यहां के किसानों द्वारा लगान न दिए जाने पर अंग्रेजों के अत्याचार से दो लोग शहीद हुए। हम उन शहीदों को नमन करते हैं। हम चाहते हैं कि इस गांव को आदर्श गांव बनाएं। इस गांव के बच्चे पढ़-लिखकर आगे बढ़ें। एसएस पांडे ने एसडीएम से मांग की है कि शहीद स्मारक का सुंदरीकरण कराया जाए। उसके अगल बगल बाउंड्री वाउ पर छत की व्यवस्था की जाए और एक गेट लगाया जाए। प्रदीप वर्मा ने कहां की हम इस कार्य को करवाएंगे। कार्यक्रम में जन सूचना अधिकार का जादू कार्यक्रम भी था। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विनोद कुमार मौर्य लेखपाल ऊँचाहार, रामधनी मौर्य पूर्व प्रधान दौलतपुर सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
अनुज मौर्य/मनोज मौर्य की रिपोर्ट