एक दर्जन से अधिक लोग हो चुके है इस जानवर से घायल
डलमऊ (रायबरेली)। मुर्शिदाबाद और पूरे वल्ली आदि गांव के साथ आसपास के दर्जनों गांव में एक कटहे बंदर का आतंक व्याप्त है बन्दर के आतंक से लोगों को घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। यही नहीं परिजन अपने छोटे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए लाठी डण्डों के साथ स्कूल तक छोड़ने जाते हैं और वहां से सुरक्षित लाते हैं। प्रतिदिन दर्जनों लोगों को यह लंगूर काट कर घायल कर रहा है। ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद भी क्षेत्रीय प्रशासन और वन विभाग के कर्मी हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं और खाना पूर्ति के नाम पर गांव पहुंचकर छानबीन किया और कहा इसके लिए जिला प्रशासन की मदद लेनी होगी, जिससे क्षेत्रीय प्रशासन की उदासीनता के चलते ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
पिछले लगभग एक माह से कोतवाली क्षेत्र के मुर्शिदाबाद सलेमपुर पूरे वल्ली, दरवानी हार, भीमगंज, खलीलपुर आदि गांव के साथ दर्जनों गांव में एक कटहे लंगूर बंदर का आतंक व्याप्त है और अब तक सैकड़ों लोगों को काट कर घायल कर दिया, जिसमें लगभग एक सप्ताह में मुर्शिदाबाद गांव की कमला देवी को काटकर घायल कर दिया था जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है। आज रविवार को सुबह से लेकर देर शाम तक गांव के सुशीला देवी (14), गोल्डी (12), राजपति (40), गुडि़या (35), कमला (42), गुडि़या देवी (18), प्रेमा देवी (34) को काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। वहीं कस्बे में स्थित आदर्श शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश यादव के साथ गांव के किशोरी लाल, रामकिशोर, रामसजीवन, दलबहादुर जगन्नाथ आदि ने बताया लंगूर का आतंक पिछले एक माह से व्याप्त है, जिससे लोगों को घर से बाहर निकालने में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसकी शिकायत कई बार क्षेत्र प्रशासन और वन विभाग को दी गई लेकिन वन विभाग द्वारा खानापूर्ति के नाम पर गांव पहुंचकर जांच की गई और कहा इस को पकड़ने के लिए जिला मुख्यालय की टीम का सहारा लेना पड़ेगा और वापस चले गए और ग्रामीणों की इस प्रकार की गंभीर समस्या की अनदेखी के कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है और चेतावनी दिया कि यदि समय रहते समस्या का निराकरण न किया गया तो तहसील का घेराव क्या जाएगा।
अनुज मौर्य/मेराज रिपोर्ट