पवित्र रिस्ते में आई कड़वाहट को भूल फिर एक हुए लकी और संगीता

36

सलोन,रायबरेली।सात फेरों के पवित्र बंधन में आई रिस्तो की कड़वाहट से अलग रह रहे पति पत्नी क्षेत्राधिकारी की पहल से एक बार फिर साथ रहने को राजी हुए है।यही नही दोनों दम्पति ने अब एक साथ जीने मरने की कसम खाई है।और क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह का दोनों ने आभार भी प्रकट किया।अग्नि के सामने लिए गए सात फेरे और मंगल सूत्र पहना कर एक पराई लड़की के साथ जिंदगी भर नाता तोड़ने वाली एक अनोखी प्रेम कहानी बुधवार क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह के कार्यालय में पहुँची।जानकारी के मुताबिक सलोन कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सभा धरई के रहने वाले लक्की की शादी चार वर्ष पूर्व किठवार बाजार थाना अंतु जनपद प्रतापगढ़ की रहने संगीता के साथ हुआ था।शादी के बाद इन दोनों का एक दो वर्ष लड़का भी है।पारिवारिक कारणों और तनाव की वजह से पति पत्नी के बीच आई दरार के बाद लक्की ने अपनी पत्नी संगीता और लक्की एक दूसरे से अलग रहने लगे।इस बीच संगीता को भनक लगी कि उसका पति बगैर उसको तलाक दिए किसी दूसरी लड़की के साथ एक नई दुनिया बसाने की फिराक में लगा हुआ है।विवाहिता ने क्षेत्राधिकारी को पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए न्याय की गुहार लगाई।जिसके बाद युवक को बुलाया गया।वर्षो बाद जब दोनों की नजरें एक दूसरे पर इनायत हुई तो पहले दोनों के बीच एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का मामला चला।इस बीच सीओ विनीत सिंह ने सिंदूर और अग्नि के बीच लिए गए सात फेरों को कसमे वादे दोनों को याद दिलाई।जिसके बाद दोनों पति पत्नी के सारे गीले शिकवे दूर हो गये।और लक्की अपनी धर्मपत्नी संगीता के साथ फिर से रहने के लिए राजी हो गया।क्षेत्राधिकारी कार्यालय में टूटे रिस्ते और माता पिता के प्यार के लिए महीनों से तरस से दो वर्षीय मासूम को आखिरकार उसके मम्मी पापा का प्यार मिल गया।और दोनों दम्पति हँसी खुशी अपने घर चले गये।वही क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह ने कहा कि छोटे छोटे मामलो में मुकदमे बाजी से किसी भी पक्ष का भला नही होगा।ईश्वर ने जिंदगी जीने के लिए दी है।और परिवार में सामंजस्य बनाकर रहना चाहिए।विवाद को खत्म करना है पुलिस का नैतिक दायित्व है।

अनुज मौर्य/प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट

Previous articleऔर जब सीडीओ की गाड़ी को क्यो रोक लिया महिलाओं ने
Next articleकँचन टुडे की खबर का हुआ बड़ा असर लेखपालों अधिकारियों द्वारा की जा रही लेटलतीफी का डीएम ने लिया संज्ञान