प्रमुख सचिव ने ग्राम महिला प्रधानों से अंधविश्वास कुप्रथाओं को दूर कर महिला/बालिकाओं को सशक्त होने के लिए किया जागरूक

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कन्या सुमंगला योजना का शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को लाभ दिलाने में आगे आये प्रधान : आराधना शुक्ला

रायबरेली। जनपद की समस्त विकास खण्डों की ग्राम पंचायतों की महिला ग्राम प्रधानों की कलेक्ट्रेट के बचत भवन सभागार में आयोजित बैठक में महिला कल्याण से सम्बन्धित सरकार की कल्याणकारी योजनाओं कार्यक्रमों की जानकारियां देते हुए जनपद की नोडल अधिकारी/प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने कहा कि महिला कल्याण विभाग की सरकार की लाभ परक योजनाओं कार्यक्रमों को जाने तथा अपनी ग्राम पंचायतों में पात्र ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं/किशोरियों को योजनाओं का लाभ दिलाने में आगे आये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की महिलाओं, बालिकाओं, किशोरियो के लिए 25 अक्टूबर से प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का शुभारम्भ किया जायेगा। जिसका जिला स्तर में भी जोर शोर से इस योजनाओं का शुभारम्भ किया जायेगा। महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित कन्या सुमंगला योजना कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने, मान लैगिंक अनुपात स्थापित करने, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने बालिका के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देने एवं स्वावलम्बी बनाने में सहायता प्रदान करने हेतु लागू है।

प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला व जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कन्या सुमंगला योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए महिला ग्राम प्रधानों से कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन के सम्बन्ध में समस्त उपजिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियां को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। योजना के अनिवार्य पात्रता के लिए लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का पूर्ण निवासी हो, लाभार्थी की पारिवारिक आय अधिकतम रू0- 3 लाख हो, परिवार की अधिकतम 02 बालिकाओं को योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, लाभार्थी के परिवार में अधिकतम 02 बच्चें हो, यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से 2 जुड़वा बालिकायें ही होती है, केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ मिल सकेगा। यदि किसी ने अनाथ बालिका को गोद लिया है तो उसकी जैविक संतान तथा गोद ली गयी संतान को सम्मिलित करते हुए अधिकतम 02 बालिकाओं को लाभ मिल सकेगा। अभिलेख में बैंक पासबुक, आधार कार्ड की छायाप्रति परिवार की वार्षिक आय के सम्बन्ध में स्व0-सत्यापन, बालिका की फोटो, आवेदक व बालिका का नवीनतम संयुक्त फोटो अभिलेख आवेदन हेतु आवश्य हो। लाभार्थी को धनराशि का श्रेणीवार वितरण प्रथम श्रेणी- बालिका के जन्म होने के उपरांत रू0 2000 एक मुश्त, द्वितीय श्रेणी- बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरांत रू0 1000 एक मुश्त, तृतीय श्रेणी- कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरांत रू0 2000 एक मुश्त, चतुर्थ श्रेणी- कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश के उपरांत रू0 3000 एक मुश्त एवं षष्टम श्रेणी- स्नातक अथवा 02 वर्षीय अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के उपरांत रू0 5000 एक मुश्त। प्रथम श्रेणी के अंतर्गत नवजात बालिका जिसका जन्म 01.04.2019 या उसके पश्चात हुआ है। प्रमुख सचिव ने बताया कि योजना क्रियान्वयन के स्तर में द्वितीय श्रेणी के अंर्तगत वह बालिका जिनका 01 वर्ष के अंदर सम्पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो तथा उसका जन्म 01.01.18 से पूर्व न हुआ हो, तृतीय श्रेणी के अंर्तगत वह बालिकायें जिन्होनें चालू शैक्षणिक सत्र में प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो, चतुर्थ श्रेणी के अंर्तगत वह बालिकायें जिन्होनें चालू शैक्षणिक सत्र में छः कक्षा में प्रवेश लिया हो, पंचम श्रेणी के अंर्तगत वह बालिकायें जिन्होनें चालू शैक्षणिक सत्र में नौ कक्षा में प्रवेश लिया हो, षष्टम श्रेणी के अंर्तगत वह बालिकायें जिन्होनें चालू शैक्षणिक सत्र में स्नातक अथवा 02 वर्षीय अवधि के डिप्लोमा केर्स में प्रवेश लिया हो। ऑन लाइन आवेदन हेतु आवेदन पत्र विभागीय पोर्टल से तथा ऑफ लाइन आवेदन पत्र जिला प्रोबेशन कार्यालय विकास भवन, रायबरेली अथवा विकास खण्ड, उप जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर भरकर जमा किया जा सकता है। लाभार्थी को देय धनराशि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से उसके बैंक खाते में हस्तांतरित की जायेगी। उन्होंने महिला ग्राम प्रधानों से कहा कि सोशल सेक्टरों से जुड़ी कन्या सुमंगला योजना बच्चियों के जन्म से आगे की शिक्षा तक सरकार की एक लाभ परक योजनाओं में से एक है। जिसका शत-प्रतिशत पात्र परिवारों को लाभान्वित करने में आगे आये।

प्रमुख सचिव ने इसके अलावा सेनट्री पैड, आयरन की गोलियां, स्वास्थ्य परीक्षण आदि की विस्तार से जानकारी दी उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि समाजिक व्यवस्थाओं में अंधविश्वास, कुप्रथा, पखण्डों से दूर होकर निर्णय लेने की क्षमता वर्धन करे क्योकि महिलाओं में प्राकृतिक रूप से सशक्त है वे अपने माध्यम से लोक जीवन को अधिक सशक्त कर सकती हैं उन्होंने कहा कि अपने कार्यो से अपनी पहचान स्वयं बनाये। ग्राम प्रधान से सम्बन्धित कार्यो को महिलाए स्वयं करे। प्रधानपति, प्रधानपिता, प्रधानभाई आदि लोगों के माध्यम से अपने कार्यो को न कराये बल्कि अपने को जागरूक कर या जानकारियां प्राप्त करे स्वयं करें तथा अन्य महिलाओं बालिकाओं किशोरियों को जागरूक करे संविधान शिल्पी द्वारा जो महिलाओं के सम्मान का अधिकार दिया गया है। महिलाए अपने कार्यो से देश व समाज का विकास ऐसी सभी महान पुरूषों व महिलाओं के सपनों को सकार करने में आगे आये तथा केन्द्र व प्रदेश सरकार जो महिलाओं के लिए कई योजनाए चलाई जा रही है उन सभी योजनाओं का लाभ महिलाओं का लाभ दिलाया जाये और सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किया जाये।

महिलाओं से जुड़ी अन्य योजनाओं, बिन्दुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस मौके पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार, उप जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी व तहसीलदार, सीएमओं, डीपीओं, डीपीआरओ, डीआईओएस, एडी सूचना आदि अधिकारी उपस्थित थे।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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