बाढ़ से निपटने के लिए केवल कागजी घोड़ा दौड़ा रहे जिम्मेदार अधिकारी

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एक सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा गंगा का जल स्तर

डलमऊ रायबरेली – बीते 2 दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण बुधवार की देर शाम केंद्रीय जल आयोग डलमऊ कार्यालय द्वारा गंगा का जलस्तर 98.800 मीटर नापा गया जो खतरे के निशान से लगभग आधा मीटर ही दूर है गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है यदि गंगा के जलस्तर में इसी प्रकार बढ़ोतरी के चलते खतरे के निशान शीघ्र ही जलस्तर पहुंच जाएगा गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार करने के बाद कटरी क्षेत्र के आ रहा बबुरा जमाल नगर मोहद्दीनपुर जहांगीराबाद पूरे रेवती सिंह चक मलिक भीटी आदि के साथ दर्जनों गांव की आबादी तक नदी का पानी पहुंच जाने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त है जिसके चलते ग्रामीण गांव से पलायन करने की तैयारी करने लगे
कटरी क्षेत्र के ग्रामीण साजन यादव रामनरेश जय नारायण जगमोहन राम सजीवन राम बहादुर आदि के साथ अन्य दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिवर्ष गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण हजारों बीघे कटरी क्षेत्र की फसल जलमग्न हो जाने के कारण नष्ट हो जाती है जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का मुआवजा आदि नहीं दिया जाता बीते 2 दिनों से गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के कारण आसपास क्षेत्र के लगभग 1,000 से अधिक बीगे धान और सब्जी की फसल जलमग्न हो गई है और यदि शीघ्र ही जलस्तर में कमी ना हुई तो फसल नष्ट हो जाएगी यही नहीं आबादी क्षेत्र में नदी का पानी पहुंच गया है जिससे ग्रामीण पलायन करने पर मजबूर हैं और मवेशियों को चारे आदि की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा गांव पहुंचकर निरीक्षण करते हुए वापस हो जाते हैं और अब तक क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर रुकने के लिए व्यवस्थाएं नजर नहीं आ रही हैं यही नहीं गांव के आसपास नदी का पानी पहुंचने के कारण जहरीले जंतु का डर व्याप्त है
उपजिलाधिकारी डलमऊ अनुष्का दीक्षित द्वारा क्षेत्रीय लेखपाल और राज्य कर्मियों के साथ बाढ़ पीड़ित क्षेत्र का निरीक्षण किया गया और क्षेत्रीय लेखपालों को बाढ़ से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं वहीं तहसीलदार डलमऊ अभिनव पाठक ने बताया कि बाढ़ से निपटने की सभी तैयारियां पूर्ण है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर रुकने के लिए व्यवस्थाएं युद्ध स्तर पर की जा रही हैं ।

अनुज मौर्य/विमल मौर्य रिपोर्ट

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