रायबरेली। सरकारी तंत्र में आपके सारे कागजात सही हो तो भी कार्य करवाने को चक्कर लगाने पड़ते है,लेकिन जहां लाखो के फायदे की बात हो तो स्वीकृति की कलम अपने आप चल जाती है।लाखों की छात्रवृत्ति का घोटाला हो जाता है,किन्तु कागजो की पड़ताल नही की जाती है।
ऐसा ही पेचीदा मामला प्रकाश में आया डलमऊ स्थित महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय का,जहां छात्रवृत्ति के नाम पर लाखों की धनराशि का घपला किया गया।इस महाविद्यालय की वर्ष 2015 – 16 में मान्यता नही मिली थी,तब भी 103 छात्राओं का दाखिला ले लिया गया और छात्रवृत्ति की पूरी प्रक्रिया करवाकर छात्रवृत्ति भी दे दी गई ।जब इस गड़बड़झाले की शिकायत शासन स्तर पर हुई तो शासन हरकत में आया और महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय की ओर से छात्राओं को दी गई छात्रवृत्ति के मामले में जांच के आदेश दे दिए।जिलाधिकारी ने डीडीओ ए0के0 वैश्य व जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ0 चंद्रशेखर मालवीय की टीम बनाकर जांच करवाई।जांच में उजागर हुआ कि इन छात्राओं का दाखिला किसी दूसरे महाविद्यालय में हुआ और छात्रवृत्ति महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय के नाम पर मिल गयी।फिरहाल दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होना तय है।क्योंकि इसमें कहीं न कहीं समाज कल्याण विभाग की भी भूमिका संदिग्ध है।जब मान्यता नही है तो बिना वेरिफिकेशन छात्रवृत्ति के लिए स्वीकृति देना सोचनीय है।इससे साफ जाहिर है कि सरकारी धन के बन्दर बांट में विभाग में शामिल रहा।
अनुज मौर्य/पवन मौर्य रिपोर्ट