शिवगढ़ (रायबरेली)। विकास की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली सरकारें आती रही और जाती रही। किंतु ग्रामीणों द्वारा दर्जनों फरियादें करने के बावजूद किसी सरकार ने दलित बस्ती गढ़ी की ओर ध्यान नहीं दिया। हर सरकार से ग्रामीणों को सिर्फ निराशा हाथ लगी। हम बात कर रहे हैं। वीवीआइपी जनपद कहे जाने वाले सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के शिवगढ़ क्षेत्र के दलित बस्ती गढ़ी मजरे देहली गांव की। जहां की आबादी करीब तीन सौ होगी। जहां के आवागमन के लिए तीन रास्ते हैं जो पूर्ण रूप से कच्चे हैं। आलम यह है कि बरसात के दिनों में ऊसरीली मिट्टी बह जाती है। पूरा गांव टापू बन जाता है। देश का भविष्य कहे जाने वाले छोटे बच्चे विद्यालय जाना बंद कर देते हैं।
बरसात कम होते ही ग्रामीण हर साल आपसी सहयोग एवं श्रमदान करके सड़क की मरम्मत करते हैं तब कहीं जाकर सड़क चलने के लायक हो पाती है। विडंबना है कि जितनी भी सरकारें आई ग्रामीणों ने सभी सरकारों को प्रार्थना पत्र देकर पक्की सड़क के निर्माण के लिए गुहार लगाई किंतु किसी ने ग्रामीणों की एक नहीं सुनी। जिसके चलते ग्रामीण अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। स्थिति यह है कि यदि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो मरीज को रिक्शे अथवा चारपाई पर लादकर एंबुलेंस तक पहुंचाना पड़ता है। बताते चलें कि लखनऊ-बाराबंकी की सीमा पर बसे पड़ोसी गांवों में जाने के लिए ग्रामीणों को छह किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है। गांव की रहने वाली गीता देवी का कहना है कि चुनाव के समय सभी जनप्रतिनिधि विकास के बड़े-बड़े वादे करके चले जाते हैं और चुनाव जीतने के बाद दिखाई नहीं पड़ते। ग्रामीण अतुल कुमार का कहना है कि खण्ड़ विकास अधिकारी से लेकर जिला अधिकारी,मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को पक्की सड़क के निर्माण के लिए कई वर्षों से प्रार्थना पत्र देते चले आ रहे हैं किंतु व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते कोई अधिकारी आज तक देखने तक नहीं आया। गांव के दिलीप कुमार का कहना है दर्जनों प्रार्थना पत्र आॅनलाइन कर चुके हैं किंतु अधिकारियों की खाऊ कमाऊ नीत एवं दलित बस्ती होने चलते किसी ने हम लोगों की सुध नहीं ली। गांव के रामचरण, रविशंकर, राजू, रमेश कुमार, राजे का कहना है कि बछरावां विधानसभा एक आरक्षित विधानसभा है। जहां से कांग्रेस पार्टी से सुदर्शन पासी, बसपा पार्टी से श्यामसुंदर भारती, सपा पार्टी से दो बार रामलाल अकेला, कांग्रेस व भाजपा पार्टी से राजाराम त्यागी विधायक रह चुके हैं। और वर्तमान में भाजपा पार्टी के रामनरेश रावत विधायक हैं सभी से ग्रामीण पक्की सड़क के निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं किंतु नतीजा शून्य रहा। चुनाव से पूर्व तो सभी ने सड़क के निर्माण का वादा किया किंतु चुनाव जीतने के पश्चात सभी का चुनावी वादा छलावा साबित हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार यदि चुनाव से पूर्व गांव के आवागमन के लिए पक्की सड़क का निर्माण ना कराया गया तो गांव के दोनों ओर नेताओं का प्रवेश वर्जित का बोर्ड लगाकर उन्हें काला झंडा दिखाएंगे। बरसात के पानी में बह चुकी कच्ची सड़क के निर्माण के लिए गढ़ी गांव के लोगों ने खंड विकास अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई किंतु महीनों भी जाने के बाद जब किसी ने गांव की सुध नहीं ली तो ग्रामीणों ने स्वयं आपस में चंदा लगाकर ट्रैक्टर से एवं श्रमदान करके कच्ची सड़क की मरम्मत करनी शुरू कर दी।