नेशनल डेस्क
विश्व महिला दिवस के मौके पर बीते दिनों हिंदी अकादमी, मुंबई की तरफ से आयोजित की गई काव्य प्रतियोगिता में रायबरेली की बेटी ने बाजी मारी है। रायबरेली के राना नगर मोहल्ले में रहने वाले अशोक शरद की बेटी प्रतिमा शरद ने पहला मुकाम हासिल करके रायबरेली का नाम पूरे देश में ऊंचा किया है। हिंदी अकादमी मुंबई की तरफ से आयोजित कराई गई प्रतियोगिता का परिणाम 2 अप्रैल को घोषित किया गया है। इस प्रतियोगिता में पूरे देश से दर्जनों साहित्यकारों ने भाग लिया था। इसमें रायबरेली की प्रतिमा शरद ने भी प्रतिभाग किया था।
रायबरेली की प्रतिमा शरद की तरफ से महिलाओं को केंद्रित करते हुए, ‘मैं अबला नहीं ,लाचार नहीं न ही गमो की मारी हूँ। इतिहास रचा हर बार यहाँ,मैं वह भारत की नारी हूँ…’ नाम से बहुत ही सुंदरकविता की प्रस्तुति की गई थी। ऑनलाइन मोड पर आधारित इस काव्य प्रतियोगिता में सबसे अधिक बार प्रतिभा शरद की ही कविता को सुना गया था। प्रतिमा शरद की कविता को सबसे ज्यादा 5 हजार से अधिक बार देखा गया था। यह उस प्रतियोगिता में सबसे अधिक था।
प्रतिमा की इस ‘प्रतिभा’ को देखते हुए हिंदी अकादमी मुंबई में महिला समिति की अध्यक्ष आभा सूचक ने परिणाम घोषित करते हुए प्रतिमा शरद को पहला स्थान दिया है। इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर त्रिच्चुर केरल की डॉ. आशा और तीसरा स्थान कन्नूर केरल से डॉ शैलेजा टी एच ने हासिल किया है। प्रतिमा शरद की इस कामयाबी पर उनके भाई प्रभात शरद, संदीप शरद सहित अन्य लोगों ने भी खुशी जाहिर की है। वहीं, प्रतिमा शरद ने बताया कि आज अपने पापा का सपना पूरा किया है। प्रतिमा ने कहा कि मेरी तरफ से पिता जी को ये मेरी सच्ची श्रद्धाजंलि है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट