रायबरेली। दो दिवसीय दौरे के तहत रायबरेली पहुंचे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर प्रेरकों ने सेवा बहाली और 40 माह के बकाया मानदेय भुगतान की मांग उठाई। राष्ट्रीय साक्षरताकर्मी महासंघ की ओर से सौंपे गए मांग पत्र मे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकमल खान एवं प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने बताया कि साक्षर भारत मिशन के अन्तर्गत विगत 2009 मे प्रत्येक ग्राम पंचायत मे एक महिला और एक पुरुष प्रेरक दो हजार रुपए मासिक मानदेय की दर से चयन हुआ था। इसी प्रकार ब्लाक, जनपद तथा प्रदेश स्तर पर समन्वयकों की नियुक्ति हुई थी। जिनके द्वारा लगातार 9 वर्षों से योजना का संचालन करने के साथ-साथ बीएलओ, पोलियो और सरकारी योजनाओ का प्रचार-प्रसार भी ग्राम पंचायत स्तर तक किया जाता रहा है। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने 31 मार्च 2018 से सभी की सेवा रोक रखी है। जिससे देश भर मे लगभग पांच लाख साक्षरताकर्मी पिछले 10 महीने से बेरोजगार चल रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल ने राहुल गांधी से मांग की कि इस पूरे प्रकरण पर संसद के विशेष सत्र मे सरकार से जवाब तलब करते हुए चुनावी घोषणा-पत्र मे भी प्रेरकों को शामिल करते हुए कांग्रेस पार्टी के पक्ष को स्पष्ट किया जाए। ताकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के हाथों को मजबूत किया जा सके। बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने प्रेरक पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि वह इस पूरे प्रकरण पर प्रभावी कदम उठाकर देश भर के साक्षरताकर्मियो को न्याय दिलवाएंगे। इस अवसर पर मुख्य रूप से राष्ट्रीय महासचिव अजमल खान, जिला कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार सोनकर, जिला उपाध्यक्ष किरन मिश्रा, पारसनाथ मिश्रा आदि उपस्थित रहे।