रोती हुई आंखों को हँसाने का नाम ईद है,गिले शिकवे मिटा कर गले मिलने का नाम ईद है-आशा राम वर्मा

108

डीह (रायबरेली)

आने वाले त्योहार और धार्मिक स्थलों पर साउंड सिस्टम पर आया हुआ उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने के लिए डीह थाना परिसर में पीस कमेटी की मीटिंग का आयोजन सलोन उपजिलाधिकारी आशाराम वर्मा और सीओ इंद्रपाल सिंह की अध्यक्षता में करी गई।
बुधवार को डीह थाना क्षेत्र के सम्मानित धर्मगुरुओ और जनता के साथ मीटिंग करते हुए उपजिलाधिकारी आशाराम वर्मा ने बताया कि आज के मीटिंग का मुख्य उद्देश्य माननीय उच्च न्यायलय के 2017 के आदेश के पालन कराना है जिसमे उच्च न्यायालय ने धार्मिक स्थलों पर लगे साउंड सिस्टम को नियंत्रित करने के स्पष्ट आदेश दिए है।किसी भी धार्मिक स्थल पर दो लाउड स्पीकर से अधिक नही होने चाहये और माइक की आवाज़ परिसर से बाहर न आनी चाहिये और नई जगह पर माइक लगाने की अनुमति नही दी जायेगी।इसके बाद उन्होंने लोगो से ईद के त्योहार को मिलजुल कर मनाने को कहा और कहा की ” रोती हुई आंखों को हंसाने का नाम ईद है “गिला शिकवा मिटाकर गले मिलने का नाम ईद है”।सीओ सलोन ने बताया कि जिन धार्मिक स्थलों पर 2018 मे लाउड स्पीकर की अनुमति मिली है सिर्फ वही पर लाउड स्पीकर लगा सकते हैं इसके अलावा कही लाउड स्पीकर नही लग सकते।आवासीय क्षेत्र में दिन में 55 और रात में 45 डेसिबल से ज़्यादा आवाज़ नही होनी चाहये। माइक का प्रयोग करते हुए यह ध्यान रखे कि माइक की आवाज परिसर से बाहर न जाय।
डीह थानाध्यक्ष रवींद्र सोनकर ने त्यौहारों को आपसी प्रेम भाईचारा के साथ मनाने पर बल दिया।उन्होंने कहा कि त्योहार का असली मज़ा तब है जब लोगो के दिलो में दूरी न हो।साथ ही कहा की अगर आपका कोई भी ,पड़ोसी अगर किसी कारण वश त्योहार नही मना पा रहा तो उसकी मदद कीजिये जिससे ऊपर वाला भी खुश होगा साथ ही यह भी कहा कि धार्मिक स्थलों पर साउंड सिस्टम पर जो आदेश है इसमें सरकार नहीं बल्कि माननीय उच्च न्यायालय का आदेश है जिसका हम सभी को पालन करना होगा।वही चौकी प्रभारी परशदेपुर निखलेश कुमार ने आये हुए धर्मगुरुओं से शपथ पत्र भरवाया की माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे।

एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट

Previous articleआखिर कब तक बिजली विभाग की लापरवाही को झेलते रहेंगे किसान
Next articleअघोषित बिजली कटौती से मचा हाहाकार