- शहर कोतवाली पुलिस व स्वाट टीम ने मिलकर किया मटिहा में हुई हत्या का खुलासा
- पहले बुलाकर शिवाकांत तिवारी को पिलाई शराब फिर उतार दी सीने में गोलियां
रायबरेली। रोज-रोज की वसूली से तंग आकर एक नवयुवक ने हत्या जैसे जघन्य और बड़े अपराध को अंजाम देने की रूपरेखा तय कर डाली। हत्या के बाद आने वाले परिणामों से बेपरवाह नवयुवक ने साथियों के साथ मिलकर प्रापर्टी डीलर को मौत के घाट उतरवा दिया। हत्या के बाद फिर वही हुआ जो हर अपराधी का होता है। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर न केवल प्रापर्टी डीलर पर गोली चलाने वालों को दबोचा बल्कि इस हत्या के मुख्य सूत्रधार उस नवयुवक को भी घसीटकर कानून की चैखट तक लाई। शहर कोतवाली क्षेत्र के मटिहा में हुई प्रापर्टी डीलर शिवाकांत तिवारी की हत्या का रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के किरण हाल में शहर क्षेत्राधिकारी शेषमणि उपाध्याय ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए पूरी मर्डर मिस्ट्री पर प्रकाश डाला और उसे सुलझाने में पुलिस द्वारा की गई कड़ी मशक्कत की जानकारी भी दी। सीओ सिटी ने बताया कि इस हत्याकांड में शहर कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी मनजीत सिंह पुत्र शैलेंद्र सिंह, राना नगर निवासी रक्षेन्द्र सिंह उर्फ शरद पुत्र जितेंद्र बहादुर सिंह, राना नगर के ही दीपेश सिंह उर्फ गांधी पुत्र चंद्र प्रकाश सिंह, इंदिरा नगर के दीपक द्विवेदी पुत्र रामशंकर द्विवेदी, राना नगर के प्रशांत मिश्रा पुत्र राकेश कुमार मिश्रा और जौनपुर जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नाथूपुर निवासी आशीष ठाकुर पुत्र जयप्रकाश सिंह को गिरफ्तार किया गया है। जबकि इंदिरा नगर के षिवा उर्फ शिवम उर्फ चेमू पुत्र राकेश सिंह और रतापुर थाना मिल एरिया के अरुण ठाकुर फरार हैं। सीओ ने बताया कि अभियक्तों के पास से एक 32 बोर की पिस्टल के साथ तीन जिंदा कारतूस और 315 बोर के तमंचे के साथ एक जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद किया गया है। घटना के संदर्भ में पुलिस ने बताया कि प्रापर्टी डीलर शिवाकांत तिवारी दीपेश उर्फ गांधी से डरा-धमकाकर रुपयों की वसूली कर रहा था। कई बार उसने जान से मारने की धमकी भी दी। उधर मनजीत और शिवा के बीच पहले से ही रंजीत चल रही थी। मनजीत और दीपेश ने सोचा कि कहीं षिवा उन्हें जान से न मार दे। इसलिए इन्होंने हत्या की योजना बना डाली। 25 अगस्त को शिवा और शिवा चेमू और दीपेश ने फोन से षिवा तिवारी को शराब पीने के लिए बुलाया और मटिहा पुलिस लाइन में एक सुनसान मकान के छत के पर ले गया। मकान के पीछे झाड़ियों में पहले से ही रक्षेन्द्र छुप कर बैठा था। इन लोगों ने पहले षिवा तिवारी को खूब शराब पिलाई। जब वह नशे में हो गया तो पिस्टल निकालकर मंजीत ने पहली गोली मारी। दीपेश सिंह और शिवा उर्फ चेमू और रक्षेन्द्र ने भी षिवा तिवारी को एक-एक गोली मारी। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस शिवा के मोबाइल का डाटा खंगालकर हत्यारों तक पहुंच गई। पुलिस हत्या में शामिल सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। पकड़े गए अभियुक्तों में मंजीत सिंह का काफी लंबा अपराधिक इतिहास है। इस हत्याकांड के खुलासे शहर कोतवाल अशोक कुमार सिंह, स्वाट टीम प्रभारी राकेश कुमार सिंह, सर्विलांस सेल प्रभारी अमरेश कुमार त्रिपाठी के अलावां राजघाट चैकी इंचार्ज रावेंद्र सिंह, इंदिरा नगर चैकी इंचार्ज हरिशरण सिंह, दरोगा उमेशचंद्र, आरक्षी मनोज कुमार, संतोष, पंकज, जितेंद्र, रामाधार, दुर्गेश सिंह, राम सजीवन, सुरजीत, आरक्षी चालक अरुण कुमार सिंह और चालक अर्जुन राम यादव ने अपना योगदान दिया। सीओ सिटी ने बताया कि उपरोक्त घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह की ओर से 10 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया है।