स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय प्रतापगढ़ के नाम पर पुनः विचार करें यूपी सरकार-परशुराम उपाध्याय सुमन

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(समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले डॉक्टर सोनेलाल पटेल का प्रतापगढ़ के विकास में कोई योगदान नहीं)

प्रतापगढ़

अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता/ साहित्यकार पंडित परशुराम उपाध्याय सुमन ने उत्तर प्रदेश शासन द्वारा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय प्रतापगढ़ का नाम डॉक्टर सोनेलाल पटेल के नाम से घोषित किए जाने पर घोर आपत्ति जताते हुए इसे तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
राष्ट्र एवं समाज के हित में सतत चिंतन करने वाले श्री उपाध्याय ने कहा है कि डॉक्टर सोनेलाल पटेल का प्रतापगढ़ के विकास में कभी कोई योगदान नहीं रहा है। बल्कि उन्होंने सवर्णों के विरुद्ध सदैव अनाप-शनाप भाषा का प्रयोग करके ओछे व घटिया किस्म के बयान देने का अभियान चलाकर जातिगत विद्वेष फैलाया तथा एक राजनीतिक संगठन तैयार करके समाज को विखंडित करने का कार्य किया है।
श्री उपाध्याय ने आगे कहा कि मैं राजनीतिक पचड़े में नहीं पड़ना चाहता हूं, लेकिन जनपद प्रतापगढ़ के नाम को राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वाली तमाम विभूतियां ऐसी है जिन्होंने प्रतापगढ़ के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उत्तर प्रदेश शासन के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय आदित्यनाथ योगी जी का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने आग्रहपूर्वक अपील किया है कि वे स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय प्रतापगढ़ का नाम, समाज में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले डॉक्टर सोनेलाल पटेल के नाम पर पुनः विचार करें तथा उनके नाम के स्थान पर जनपद के उन विभूतियों में ऐसे किसी के नाम घोषित करें, जिन्होंने प्रतापगढ़ की ख्याति को भारत ही नहीं, विश्व पटल पर पहुंचाया है।
प्रतापगढ़ की उन तमाम विभूतियों में एक नाम स्वनामधन्य पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय का है, जिन्होंने प्रतापगढ़ के विकास के इतिहास में अभूतपूर्व व उल्लेखनीय पन्ना जोड़ा है। पूरे भारत में पंडित मनीष दत्त उपाध्याय के नाम से जनपद प्रतापगढ़ जाना जाता है।
प्रतापगढ़ के पर्याय माने जाने वाले पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय ने जनपद में शहर से ग्रामीण क्षेत्रों तक स्नातकोत्तर महाविद्यालय से लेकर जूनियर हाई स्कूल तक के विभिन्न विद्यालयों की स्थापना करके शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। राजनीतिक दृष्टि से भी विधायक व सांसद तथा संगठन के सर्वोच्च पदाधिकारी के पद पर रहकर वे बहुत ही चर्चित व सशक्त नेता रहे हैं। वे महान शिक्षाविद व विधिवेत्ता होने के साथ ही भारत के संविधान निर्मात्री समिति के सम्मानित सदस्य रहे हैं।

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया:
के सिद्धांत का पूर्णरूप से अनुपालन करने की भावना वाले अराजनैतिक संगठन अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद के समस्त पदाधिकारियों व सदस्यों की ओर से राष्टृ के कोने-कोने से आ रहे विचारों के आधार पर यह बयान जारी किया जा रहा है।
श्री उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया माननीय आदित्यनाथ योगी से अपील किया है कि वे उपर्युक्त वर्णित तथ्यों पर समीक्षा करें, चिंतन मनन करें तथा डॉक्टर सोनेलाल पटेल के नाम के स्थान पर पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय प्रतापगढ घोषित करें।

अवनीश कुमार मिश्रा रिपोर्ट

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