हमका काहे का उड़ायो हम चिरइया तुम्हरी…

138
Raebareli News: कवि सम्मेलन में बही काव्य सरिता, कवियों ने अव्यवस्थाओं पर किया प्रहार

कवि सम्मेलन में बही काव्य सरिता, कवियों ने अव्यवस्थाओं पर किया प्रहार

रायबरेली। सतांव विकास खण्ड के अंतर्गत स्थित डोमापुर गांव में बजरंगबली त्रिपाठी द्वारा सोमवार को एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। साहित्यिक व सांस्कृतिक मूल्यों को बचाने के लिए आयोजित किये गए इस कवि सम्मेलन की शुरुआत बाराबंकी के कवि शिव किशोर तिवारी ‘खंजन’ ने वाणी वंदना से की। इसके बाद कानपुर से आये हास्य व्यंग्य के रचनाकार प्रभाकर मिश्र प्रभाकर ने ‘उल्टे हो रहे सारे काम, त्राहिमाम-त्राहिमाम’ पढक़र श्रोताओं को खूब हंसाया। गजलकार डॉ. अजित शुक्ल ने ‘जो देर तक यूं ही हाथों में खनखनायेंगी, ये चूडिय़ां बड़ी नाजुक हैं टूट जायेंगी’ गजल पढक़र महफिल का रंग जमा दिया। हास्य कवि संदीप शरारती ने अपनी रचना ‘अरे हम यूपी वाले हैं’ से जहां युवाओं में जोश भरा वहीं ‘मेकअप से भला कोई कैसे हूर बनेगा, फैशन के वास्ते क्या कोई नूर बनेगा। भौंह सेट कराओ क्रीम लगाओ चाहे जितना, किशमिश नहीं फिर से कभी अंगूर बनेगा।’ पढक़र खूब तालियां बटोरी। वरिष्ठ गीतकार निर्मल प्रकाश श्रीवास्तव ने ‘एक जो फूल दिया था कभी अकेले में, मेरे वीराने में वह आज भी महकता है।’ पढक़र पुरानी यादें ताजा की। हास्य कवि जमुना प्रसाद पांडेय ‘अबोध’ ने किसानों की समस्याओं को रेखांकित करते हुए अपनी हास्य रचना ‘सांडन से योगी जी कब तक चरहियो, किसानन का योगी जी कब ले रोअइहो’ से सभी मंत्र मुग्ध कर दिया। बाराबंकी के बहु प्रसिद्ध गीतकार शिव किशोर तिवारी ‘खंजन’ ने अपनी रचना ‘प्रेम की आंख तुम और अंजन हूं मैं, रूप की राशि तुम और रंजन हूं मैं। एक नाता सनातन रहा साथ का, तुम शरद ऋतु तथा पक्षी खंजन हूं मैं।’ से मंच लूट लिया। इसके बाद उन्होंने भू्रण हत्या पर अपनी चर्चित रचना ‘हमका काहे का उड़ायो हम चिरइया तुम्हरी, धरम धरती मां धंसायो हम चिरइया तु हरी।’ पढक़र लोगों को भावुक कर दिया। हास्य सम्राट सम्मान से सम्मानित मधुप श्रीवास्तव ‘नरकंकाल’ ने जहां अपने तमाम जुमलों से लोगों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया वहीं श्रोताओं की मांग पर अपनी बहुप्रसिद्ध रचना ‘दुनिया कमाए पइसा, हमहूं कमाइ का।’ पढक़र खूब ठहाके लगवाये। कवि सम्मेलन के संचालक अनुज अवस्थी ने हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनाव पर अपनी रचना ‘आए चुनाव आये तो आकर चले गये, कुछ को हंसाया कुछ को रुलाकर चले गये। बढ़ते हुए पेट्रोल ने डीजल से यह कहा, यह तेरे मेरे दाम बढ़ाकर चले गये।।’ से सच्चाई बयां की। स्थानीय कवि माताबक्श सिंह ने भी अद्भुत काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे बृजेश श्रीवास्तव ‘तनहा’ ने ‘नई-नई दुलहिन का नवा-नवा गुन, सुन भइया सुन’ पढक़र हास्यात्मक समापन किया। इससे पूर्व कवियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर गणेश शंकर तिवारी, अयोध्या प्रसाद तिवारी, सरयू प्रसाद तिवारी, संगम तिवारी, बसंत तिवारी और दुर्गा तिवारी सहित भारी सं या में ग्रामीण मौजूद रहे।

Previous articleअवैध कब्जे की आ रहीं हैं सबसे ज्यादा शिकायतें
Next articleयुवाओं को सस्ता मजदूर बनाना चाहते हैं मोदी : आइसा