बछरावां (रायबरेली) । जहां शासन-प्रशासन एक तरफ कानून व्यवस्था को लेकर सख्त दिखाई दे रहा है।वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में अनियमितताओं का अंबार लगा हुआ है। लोग किसी न किसी बहाने एक दूसरे को लूटने पर आमादा है । इसी का जीता जागता उदाहरण सुंदरलाल पुत्र रूद्र निवासी सुबंश खेड़ा मजरे इचौली ने पुलिस अधीक्षक को दिनांक 1 जुलाई को लिखित शिकायत पत्र देकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाई। फरियादी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवास आवंटित हुआ था, जिसकी प्रथम किस्त 40 हजार रु बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा इचौली के खाते में आई थी।जिसको प्रार्थी ने 25 और 15 हजार की दो किस्तों में निकाल लिया था। बाद में दूसरी किस्त के लिए खंड विकास अधिकारी और जिलाधिकारी से गुहार लगाई कि मेरे आवास की दूसरी किस्त दिलाई जाए। जब जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जिस पर दूसरी किस्त और शौचालय का पैसा उसके खाते में आया। और बैंक में स्थित ग्राहक सेवा केंद्र के द्वारा जालसाजी करके अनपढ़ व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी की गई। उसका दस दस हजार करके निकाल लिया गया। जब उस पीड़ित को जानकारी हुई। जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। बैंक शाखा के प्रबंधक द्वारा अपने कुछ व्यक्तियों को उसके घर जाकर उसको धमकी दी गई कि तुम सादे कागज में हस्ताक्षर कर दो नहीं तो तुम्हारे हाथ पैर तोड़ दिया जाएगा। बुढ़ापे में तुम चलने के लायक भी नहीं बचोगे और तुम ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह पाओगे।एक तरफ दिव्यांग के साथ धोखाधड़ी हुई और दूसरी तरफ शिकायत करने पर उसकी जान लेने पर बैंक कर्मचारी आमादा है।
अनुज मौर्य /अनूप सिंह रिपोर्ट