नही चेता विभाग तो हो सकती हैं घटना।
पहली ही बरसात में धंसा खुली कलई।
खीरों (रायबरेली)। सड़क निर्माण में अगर भ्रष्टाचार देखना है तो आरजीकेएस नाम से बनी केंद्रीय निधि की सड़क में आपको देखने को मिल जाएगा जहां पर ठेकेदार के साथ साथ अधिकारियों ने नियम कानून ताक पर रखकर भ्रष्टाचार को बल दिया। देश की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अनेक को तरीके से कार्य कर रहे हैं लेकिन धरातल पर उनके ही अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार की फसल बो रहे हैं।हाल ही में रायबरेली से गुरबख्शगंज खीरों और सेमरी तक केंद्रीय निधि से एक सड़क का निर्माण हुआ था निर्माण के अभी छह माह भी नहीं बीते की पहली ही बरसात में कही सड़क धस गई तो कही धंस गए बता दें कि दो-तीन दिन पूर्व विकासखंड के एकमात्र नवनिर्मित पुल महिपालपुर के जर्जर होने की खबर अखबार में प्रकाशित की गई और खबर छपने के बाद उसमें कार्य भी शुरू हो गया तभी दो दिनों से बारिश शुरू हो गई दो दिन की बरसात में ही खीरों कस्बे के बसहा नाले पर बने पुल की सड़कें धंस गई वहीं पर पुल की जाल खुलकर सरिया दिखाई देने लगी सवाल यह है कि जब दो माह पूर्व बने इस पुल की हालत यह है तो आगे कैसी उम्मीद की जा सकती है।ठेकेदार ने खीरों के बने पुल को ही चौड़ा कर दिया और उसने लोहे की पट्टियों के सहारे पुल को जोड़ दिया जो अब खुल गई हैं और उसमें दराज आने के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है क्योंकि सड़क पर आवागमन तेज है ज्यादातर रायबरेली की तरफ जाने वाली बड़े वाहनों का भी प्रवेश यही मार्ग तेजी से चल रहा है और वही पुल के अगल-बगल सड़क धंसने के साथ साथ मिट्टी भी खिसक गई हैं जिसमें ओवरटेक करते समय कोई अनहोनी भी हो सकती है सवाल यह है कि आखिर इस तरीके की कार्य को अधिकारियों ने कैसे मान लिया कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की बू जरूर नजर आ रही है।
अनुज मौर्य/धर्मन्द्र भारती रिपोर्ट