रायबरेली। बेटी की शादी पर काफी खर्च आता है। परिवार के आर्थिक रूप से कमजोर होने पर समस्या और भी बढ़ जाती है। कई बार तो अपनी लाडली बेटी का ब्याह करने के लिए पिता को घर, जमीन आदि तक बेचने को मजबूर होना पड़ता है। उत्तर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री योगीआदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकर ने अल्पसंख्यक समुदाय की आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की बेटियों की शादी के लिए अनुदान देने का प्राविधान किया है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेश के अल्पंसख्यक समुदाय में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन तथा पारसी लाभान्वित होंगे। शादी अनुदान योजना के तहत आवेदन की आय शहरी क्षेत्र में 56 हजार 460 रूपये वार्षिक एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए 46 हजार 80 रूपये वार्षिक होनी चाहिए। योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक और आवेदक की बेटी का आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, राष्ट्रीयकृत बैंक के खाते की पासबुक, बेटी की आयु प्रमाण पत्र, बेटी यदि दिव्यांग है तो दिव्यांगता प्रमाण पत्र, यदि विधवा हो तो पति की मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाना होगा। शादी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 20 हजार रूपये प्रदान किये जा रहे हैं। एक अभिभावक की अधिकतम 02 बेटियों की शादी के लिए अनुदान अनुमन्य है।
शादी अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को आवेदन शादी के 90 दिन पूर्व अथवा 90 दिन पश्चात करना अनिवार्य है। बेटी की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक एवं लड़के की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होना भी जरूरी है। विधवा और दिव्यांग बेटी को इस योजना में वरीयता दी जाती है। योजना में ऑनलाइन आवेदन और आधार कार्ड अनिवार्य है। अनुदान सीधे खाते में ट्रांसर्फर किया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में इस योजना के तहत 71 करोड़ रूपये व्यय करते हुए 35278 परिवारों की पुत्रियों के विवाह हेतु अनुदान दिया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्राविधानित धनराशि 74 करोड़ रूपये के सापेक्ष 37000 पात्र आवेदकों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। आज अल्पसंख्यक समुदाय की बेटियों के लिए संचालित शादी अनुदान योजना सच में गरीब बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है।
अधिक जानकारी के लिए जनपद के अल्पसंख्यक कल्याण व समाज कल्याण विभाग के जानकारी प्राप्त कर सकते है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट