अधिकारियों की उदासीनता के चलते खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं इस गाँव के ग्रामीण

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ऊंचाहार (रायबरेली) प्रदेश सरकार चाहे जितने तरक्की के दावे कर ले कि उसकी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों को बराबर मिल रहे हैं मगर अभी भी अधिकारियों की उदासीनता के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं ना के बराबर हैं । इसका जीता जागता उदाहरण ऊँचाहार विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सराय हरदो के ग्राम भीलमपुर है जहां स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत शौचालय का निर्माण कराया जाना था। ग्रामीणों का आरोप है कि इसके लिए 3 साल के अंदर दो बार आवेदन भी कराया गया लेकिन ग्राम प्रधान हुआ। ग्राम पंचायत अधिकारी की लापरवाही व जन विरोधी कार्यों के चलते आज भी ग्राम सभा में शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया। जिससे ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। जबकि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री जी स्वच्छ भारत बनाने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन लापरवाह कर्मचारियों के चलते आज भी गांव की महिलाएं पुरुष व बच्चे खुले में शौच के लिए ग्रामीण मजबूर हैं। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर पेयजल की भी स्थिति बहुत खराब है। लगभग 40 घरों के बीच में एक इंडिया मार्का नल है जिसमें लोग लाइन लगाकर पानी निकालते हैं और वह भी ज्यादा चलने के कारण आए दिन खराब रहता है । खराब होने पर उसको ठीक करवाने में हफ्तों लग जाते हैं। इस स्थिति में पेयजल की व्यवस्था बहुत ही खराब हो जाती है। ग्रामीणों की मांग है कि वहां पर दो नल और लग जाए तो पानी की समस्या दूर हो जाएगी।

अनुज मौर्य /मनोज मौर्य रिपोर्ट

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