अपर मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुपालन में डीएम ने बच्चा चोरी की अफवाह की रोकथाम के लिए करे कड़ी कार्यवाही करने के दिये निर्देश
रायबरेली। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, अपर पुलिस महा निदेशक पी0वी0 रामा शास्त्री, पुलिस महा निरीक्षक एस0के0 भगत के निर्देशों के अनुपालन में जलाधिकारी नेहा शर्मा व पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर भीड़ द्वारा करित हिंसा एवं हत्या किये जाने की घटनाओं की रोकथाम के सम्बन्ध में समस्त क्षेत्राधिकारी/थाना प्रभारी को निर्देश दिये है कि बच्चा चोरी की अफवाह के फलस्वरूप भीड़ द्वारा हिंसात्मक घटनाए कारित की गयी है। इससे जहां एक ओर कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है, वहीं दूसरी ओर जनमानस में भय व्याप्त होना स्वाभाविक हैं, यह स्थिति कदापि ग्राह्य नहीं है। भीड़ द्वारा करित हिंसा एवं हत्या किये जाने की घटनाओं की रोकथाम एवं इस सम्बन्ध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय जिसका अक्षरशः सम्यक अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। इस सम्बन्ध में अपने-अपने कर्तब्यों का वरीयता से निर्वहन करें तथा जनपद में घटित इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम हेतु हर सम्भव प्रभावी कार्यवाही करें। साथ ही घटना के लिए दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध तदानुसार कार्यवाही करायी जाये। उन्होंने निर्देश दिये है कि उच्चाधिकारियों के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करें तथा उसकी सूचना प्रत्येक माह की 07 तारीख तक मांगी गई सूचना कार्यालय/लखनऊ परिक्षेत्र में पहुचाना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी नेहा शमा व पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने क्षेत्राधिकारी/थानाध्यक्ष अथवा थाने के प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी को निर्देश दिये है कि अफवाह फैलाने के आधार पर हिंसा की प्रत्येक ऐसी घटनाओं के सम्बन्ध में सुसंगत धाराओं में अभियोग अवश्य पंजीकृत किया जाये तथा उसमें परिस्थितियों के अनुसार 7 सी0एल0ए0 एक्ट का समावेश अवश्य किया जाये। जिन्हें इस सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होती है, उनका दायित्व निर्धारित करें कि वह घटनास्थल के आस-पास के गांव/मोहल्लों के एस-10, डिजिटल वालिण्टियर्स, ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों, सिविल डिफेन्स के सदस्यो, ग्राम प्रधान व उस क्षेत्र के किसी भी जिम्मेदार एवं सभा्रन्त व्यक्तियों के साथ बैठक करके इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाये के सम्बन्ध में एक प्रभावी कार्य योजना तैयार कर लें। एस-10 डिजिटल वालिण्टियर्स को और भी प्रभावी एवं सक्रिय किया जाये। उक्त के अतिरिक्त उस गांव अथवा आस-पास के क्षेत्र में निवास करने वाले पुलिस पेंशनर्स अथवा भूतपूर्व सैनिकों से भी घटनास्थल पर तत्काल पहुचकर स्थिति को नियंत्रित करने हेतु अनुरोध किया जाये।
जिलाधिकारी ने हिंसा कारित कर लोक शान्ति भंग करने वाले एवं अफवाह फैलाने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध राष्टीय सुरक्षा अधिनियम (एन0एस0ए0) की कार्यवाही हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को समस्त तथ्यों से अवगत कराते हुए अनुरोध करते हुए कार्यवाही भी करे। सभी पीआरओ एवं गश्त मोबाइलों को इस दिशा में और अधिक क्रियाशील बनाया जाये तथा इसके निमित्त राजपत्रित अधिकारियों के माध्यम से उनके साथ सीधा संवाद करते हुए उन्हें संवेदनशील बनाया जाये एवं उन्हें यह निर्देशित किया जाये कि इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम शासन तथा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अतः इस सम्बन्ध में पूर्ण मनोयोग के साथ अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वाहन करें। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए गैर सरकारी संगठनों एवं स्थानीय मीडिया का सहयोग प्राप्त करें। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो पर अफवाहों की मॉनीटरिंग 24ग्7 की जाये ऐसी सभी अफवाहों का तत्काल खण्डन करते हुए दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि ज्ञातव्य है कि भीड़ द्वारा कारित हिंसा की घटनाओं का मा0 सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वयं संज्ञान लिया गया है, अतः जनपद की सभी पी0आर0वी0 एवं गश्त मोबाइलों को इस दिशा में और अधिक क्रियाशील बनाया जाये तथा इसके निमित्त राजपत्रित अधिकारियों के माध्यम से उनके साथ सीधा संवाद करते हुए उन्हें संवेदनशील बनाया जाये एवं उन्हें यह निर्देशित किया जाये कि इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम शासन तथा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस सम्बन्ध में पूर्ण मनोयोग के साथ अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें।
अनुज मौर्य रिपोर्ट