जिलाधिकारी के आदेशों के बाद भी वन विभाग की उदासीनता के चलते चल रहे हरे पेड़ो पर आरे…

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महराजगंज (रायबरेली)। पर्यावरण संरक्षित करने को सरकार सजग है किन्तु विभागीय उदासीनता एवं सेटिंग गेटिंग क़े चलते क्षेत्रीय लकड़कटों द्वारा बेखौफ हो हरियाली पर आरा चलाया जा रहा है ।

ताजा घटनाक्रम कोतवाली क्षेत्र क़े बसकटा मजरे जमुरवा गांव का है जहां सोमवार को ग्राम सभा की जमीन पर लगे हरे महुआ और जामुन क़े विशालकाय वृक्षों पर आरा चलाकर लकड़ी माफिया द्वारा हरियाली को नेस्तानाबूद कर दिया गया । उपरोक्त प्रकरण से साफ पता चलता है की लकड़ी माफिया पर वन विभाग, पुलिस विभाग सहित तेज तर्रार उपजिलाधिकारी विनय कुमार सिंह का भी खौफ नही।

ग्रामीणों की माने तो सीबू हलोर निवासी यह लकड़ी माफिया पहले भी सरकारी फलदार एवं छायादार वृक्षों को अपना निशाना बना चुका है । किन्तु सवाल वन विभाग क़े उन रक्षकों का है जो ऐसे लकड़कटों को संरक्षण की ढाल देकर विभाग सहित शासन प्रशासन की आंखो मे धूल झोंक रहे । जबकि पर्यावरण संरक्षण को लेकर योगी सरकार द्वारा लाखो पौधरोपण किए गए । मामले मे ग्रामसभा की जमीन पर लगे हरे पेड़ो पर आरा चलाए जाने की सूचना ग्रामीणों द्वारा जिला वन अधिकारी तुलसीदास शर्मा एवं वन दरोगा रामलखन शुक्ला को दी गयी जिस पर दोनो ही अधिकारी कर्मचारी ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है । वही तहसीलदार विनोद कुमार सिंह ने कहा की ग्रामसभा पर लगे पेड़ो की कटाई का मामला संज्ञान मे आया है जिस पर क्रेता व विक्रेता दोनो पर कठोर कार्यवाही की जाएगी । अब देखना यह है की वन विभाग जुर्माना कर प्रकरण से पटाक्षेप करता है या सचमुच पर्यावरण को संरक्षित करने का वादा निभाते हुए लकड़ी ठेकेदार पर कठोर कार्यवाही कर नजीर बनाता है ।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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