रायबरेली। उन्नाव जनपद के सुमेरपुर विकास खंड के अंतर्गत स्थित छांछीराई खेड़ा में प्रतिवर्ष बैसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति द्वारा आयोजित किया जाने वाला विश्व वैदिक सम्मेलन व सामूहिक उपनयन संस्कार इस बार आगामी 22 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। छांछीराई खेड़ा के एमजी कॉलेज ऑफ साइंस, आर्ट एण्ड कल्चर में नौवीं बार आयोजित होने वाले इस समारोह में इस बार 201 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराने का संकल्प समिति ने लिया है। इस समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रमोद नारायण द्विवेदी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बांसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति अब तक 962 बैठकों का यज्ञोपवीत संस्कार करा चुकी है उन्होंने बताया कि आगामी 22 दिसंबर पुण्य प्रदायिनी एकादशी के दिन आयोजित होने वाले इस महा अनुष्ठान की तैयारियां जोरों पर चल रही है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में इस बार जगतगुरु शंकराचार्य राजराजेश्वर आश्रम जी महाराज और काली पीठाधीश्वर ब्रह्मचारी श्री श्री 1008 स्वामी कैलाशानंद जी महाराज शामिल होकर बटु को को आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पांडेय ने मीडिया को समिति के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि यह समिति 12 वर्षों से निरंतर समाज सेवा और लोक सेवा के लिए काम कर रही है उन्होंने कहा कि समिति के साथ भले ही ब्राह्मण शब्द जुड़ा हो लेकिन यह समिति समाज के हर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए काम करती है क्योंकि लोक कल्याण से ही अच्छे समाज की स्थापना करके राष्ट्र को देश को आगे ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज हम अपनी सनातन संघ सांस्कृतिक परंपरा को भूलकर एक ऐसी भोगवादी, भौतिकवादी संस्कृति को गले लगाने के लिए आतुर जो संस्कृति ‘इंड आफ आइडोलॉजी और इंड ऑफ मारलिटी’ की बात करता है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों की मेघा का प्रयोग किए बिना भारत विश्व गुरु नहीं बन पाएगा। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है वेदों में जाति का जो स्वरूप है वह आज के स्वरूप से अलग है क्योंकि आज के स्वरूप को राजनैतिक बना दिया गया है। शक्ति के दो बड़े केंद्र नासा और इसरो हैं जिनमें 23 प्रतिशत वैज्ञानिक ब्राह्मण हैं। यही समाज अपने कर्मपथ से हट रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीयता की रक्षा सनातन संस्कृति की रक्षा से ही संभव है जिसके लिए ब्राह्मण को जागना होगा। राम, कृष्ण, परशुराम, बुद्ध और गांधी आदि एक विचार थे। यह विचार और ज्ञान भारत के उत्कर्ष पथ की सनातन संस्कृति भारतीयता की जीवनी शक्ति है। जिसे सांस्कृतिक आदर्श, पद्धतियां तथा व्यवस्थाएं प्राणवान करती रहीं हैं। अंत में एक बार फिर अशोक पांडे ने ब्राह्मण समाज की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि ब्राह्मणों के बिना विश्व का कल्याण नहीं हो सकता इस मौके पर जागेश्वर अवस्थी राजेंद्र अवस्थी आशीष अवस्थी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
यज्ञोपवीत के लिए यहां कराएं पंजीकरण
बांसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति ने यज्ञोपवीत के लिए बट्टू को का पंजीकरण कराने हेतु दर्जनभर संपर्क सूत्र जारी किए हैं। मोबाइल नंबर 9984 44444 2497 930 958
अनुज मौर्य रिपोर्ट