सलोन,रायबरेली-कातिलों का शहर है,गुनहगार कौन है।हमसे मत पूछिए की ईमानदार कौन है।
क्षेत्राधिकारी के छापेमारी में पकड़ी गई लाखो रुपये की बेश कीमती लकड़ी के के मामले में ये चंद लाइने वन विभाग अधिकारियों के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है।क्योकि ईमानदारी का चोला पहने वन विभाग के संरक्षण के बगैर क्षेत्र में प्रतिबंधित पेड़ो की कटान सम्भव नही है।13 लोगो के नाम की तहरीर वन रेंजर ने अपने विभाग की डूबती नैया को पार लगाने की कोशिश की है।मंगलवार को सीओ की छापेमारी में आठ लोगो को मौके से गिरफतार किया गया था।जिन्हें बुधवार को विधिक कार्यवाही के साथ जेल भेज दिया गया।कहना गलत नही होगा कि सलोन कोतवाली क्षेत्र अवैध व्यापार का हब बन गया है।यहां गौकशी,कच्ची शराब से लेकर अवैध पेड़ो काटान तक सम्बन्धित विभाग की शह पर खुलेआम होता है।जिसे रोकने वालो का संरक्षण प्राप्त है।क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह ने सलोन सर्किल का चार्ज लेते ही अपने इरादे जता दिए थे।और उसी क्रम में एक धर्म कांटा के पीछे छापेमारी करते हुए पकड़ी गई लकडियो सीज करने का आदेश दिया।जिसमें मौके से आठ आरोपियों को हिरासत में लिया गया था।सलोन कोतवाल बृजमोहन ने बताया कि वादी वन रक्षक अशीष कुमार सिंह तहरीर पर 13 लोगो के विरुद्ध चोरी एवम वन संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।मौके से पकड़े गये संजीव सिंह पुत्र समर बहादुर सिंह निवासी संग्रामपुर जनपद अमेठी,फहीम चौधरी पुत्र अकील कस्बा सलोन अहमद,अजीत प्रताप सिंह पुत्र राज बख्स सिंह,खमरिया पूरे कुशल,अभिषेक पुत्र जगतपाल सिंह जमुरवा बुजुर्ग सैफ पुत्र नईम,बेवली,शैलेन्द्र सिंह पुत्र किशन सिंह,तिलक नगर रायबरेली,राजेश पुत्र राम किशोर कस्बा सलोन,सफिक पुत्र गनी निवासी बसनतगंज को जेल भेज दिया गया है।जबकि कनैंन पुत्र गुलाम हुसैन,पुरेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र महेश सिंह ,विद्याधरपांडे पुत्र उमा शंकर,छोटेलाल यादव पुत्र महाराजदीन आदि मौके से फरार बताये जा रहे है।अनुज मौर्य/प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट