डलमऊ रायबरेली – डलमऊ की ऐतिहासिक नगरी गंगा नदी के किनारे स्थित प्राचीन सुरम्य नगर है जो जनपद ही नहीं प्रदेश एवं देश की एक प्रमुख ऐतिहासिक सांस्कृतिक धार्मिक एवं राजनीतिक नगरी रही है यहां पर स्थित मध्यकालीन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना यदुवंशी राजा डल देव का विशाल किला जहां से गंगा जी के विराट सुरंय के दर्शन होते हैं दाल्भय ऋषि हिंदी के आदि कवि मुल्ला दाऊद सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की तपोभूमि डलमऊ को आज देश का प्रमुख पर्यटन स्थल होना चाहिए लेकिन पहले कांग्रेस एवं भाजपा सरकारों की उपेक्षा एवं घृणा की शिकार डलमऊ नगर धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा है उक्त उदगार रविवार को डलमऊ के प्राचीन किले पर पत्रकारों को सम्मानित करते हुए समाजवादी पार्टी के सदस्य राजेश चंद्रा ने व्यक्त किए उन्होंने बताया कि केंद्र में काग्रेस सरकार व राज्य में बसपा सरकार के समय में डलमऊ विधानसभा का नाम बदलकर ऊंचाहार विधानसभा कर दिया गया एवं यादव राजा डालदेव के किले का अधिकांश हिस्सा गंग नहर की आड़ में गिरा दिया और अब भाजपा सरकार ने कोरोना की आड़ में ऐतिहासिक सांस्कृतिक महत्व का कार्तिक मेला बंद करवा दिया इस अवसर पर जनपद की प्रमुख सांस्कृतिक धरोहर समाजवादी कवि लेखक सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के प्रतिनिधि रामनारायण के साथ क्षेत्र के सम्मानित पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र यादव मोहम्मद अकरम राम दुलारे वर्मा के के यादव अशोक यादव पवन मौर्या के साथ अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।
विमल मौर्य रिपोर्ट