महराजगंज रायबरेली।
न्यायालय में जमीनी वाद लंबित होने क़े बावजूद खड़े होकर पेड़ो पर आरा चलवाने वाली कोतवाली पुलिस क़ी बर्बरता तब सामने आई जब 36 घंटे फरियादी क़ो बैठाए रखने क़े बाद कोतवाली पुलिस द्वारा पीड़ित का रविवार क़ी देर शाम चालान कर दिया गया। कोतवाली पुलिस क़ी इस कार्यवाही से पीड़ित परिवार में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
बताते चले क़ी कोतवाली क्षेत्र क़े जमुरवां गांव में दीवानी न्यायालय में डेढ़ साल से चल रहे पिता राजेंद्र विश्वकर्मा एवं पुत्र पंकज विश्वकर्मा क़े जमीनी विवाद में कोतवाली पुलिस द्वारा दोनो पक्षो क़ो शनिवार क़ी सुबह ही थाने पर बैठा लिया गया। इस दौरान पिता पक्ष से मिली भगत कर पुलिस बल द्वारा मौके पर पहुंच प्रतिबंधित हरे नीम व यूकेलिप्टस क़े खड़े दर्जनो पेड़ ठेकेदार से कटवा दिए गए। जिस पर पुत्र पक्ष क़े पैरोकारों द्वारा डायल 112 बुलाने पर एसएसआई द्वारा डायल 112 क़ो मौके से वापस कर दिया गया। जिससे न्याय क़ी आस लगाए परिजनों द्वारा मामले क़ी सूचना प्रभारी निरीक्षक शरद कुमार क़ो दी गयी। जिस पर आगबबूला प्रभारी निरीक्षक द्वारा पैरोकार क़ो थाने बैठा लिया गया। वही शनिवार क़ी देर रात कस्बे क़े ठेकेदार अलीम द्वारा कटे पेड़ो क़ो मौके से उठवा लिया गया। इस दौरान पीड़ित क़े परिजन पेड़ो क़ी कटान रुकवाने एवं पंकज क़ो कोतवाली से छोड़े जाने क़ी मिन्नतें प्रभारी निरीक्षक से रात भर लगाते रहे। मामले में कोतवाली पुलिस द्वारा रविवार क़ी देर शाम दोनो पक्षो का चालान कर मामले से पल्ला झाड़ लिया गया। पुलिसिया उत्पीड़न क़ी इस कार्यवाही से पीड़ित पक्ष में गहरा आक्रोश व्याप्त है। पीड़ित पंकज विश्वकर्मा ने बताया क़ी थाने में बिना कारण घंटो बैठाए रखने एवं कोर्ट में वाद चलने क़े बावजूद पुलिस द्वारा पेड़ो क़ी कटान होने से न्याय क़ी उम्मीदो क़ो गहरा धक्का लगा है। जिसकी शिकायत एवं न्याय क़ी गुहार कप्तान सहित उच्चाधिकारियों से क़ी जाएगी। मामले में क्षेत्राधिकारी रामकिशोर सिंह ने बताया क़ी प्रकरण संज्ञान में आया है जांच कर कार्यवाही कराई जाएगी।
एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट