मंदिर बंद कराने का कोई आदेश नहीं एसडीएम राजकुमार शुक्ल
कोविड प्रोटोकॉल के साथ भक्तों को होंगे भोलेनाथ के दर्शन
लालगंजःरायबरेली अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम पुलिस के तुगलगी फरमान के चलते बाल्हेश्वर मंदिर के गेट पर ताला लगा दिया गया। इस बात की जानकारी शिव भक्तों को हुई तो उनके आक्रोश फैल गया। सावन मास के बावजूद शिव मंदिर में ताला लटकने से भारी संख्या में शिव भक्त नाराजगी जताते हुए मंदिर गेट से लौटने के मजबूर रहे। ऐहार गांव स्थित बाल्हेश्वर मंदिर के पुजारी पं.झिलमिल जी महाराज ने बताया कि सोमवार के भक्तों की भारी भीड़ मंदिर पूजन अर्चन के लिए आती है। उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल भी रहता है लेकिन मंगलवार को कोतवाल जितेंद्र कुमार सिंह ने कोतवाली में बैठक बुलाकर उन्हें मंदिर बंद करने के निर्देश दिए थे जिसके चलते उन्होंने मंदिर के गेट पर ताला डलवा दिया था। इस बात की जानकारी होते ही सेवादार अवनीश पांडेय ने उपजिलाधिकारी डलमउ को फोन कर मामले की जानकारी दी। वहीं उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के नगर अध्यक्ष विवेक शर्मा ने प्रतिनिधि मंडल के साथ कोतवाल जितेंद्र कुमार सिंह ने मुलाकात की। उन्होंने मंदिर में भीड़ लगने पर पुलिस बल बढ़ाते हुए उसे नियंत्रित करने की बात कही। वहीं कोतवाल का कहना था कि उन्होंने भारी भीड़ को देखते हुए केवल सोमवार को मंदिर बंद करने के लिए कहा था। जबकि अन्य दिनो में मंदिर खुला रहेगा।व्यापारी नेताओं का कहना था कि सावन मास में सोमवार को शिव पूजन का विशेष महत्व होता है।इसलिए सोमवार को भी मंदिर खुलना चाहिए। इस बाबत उपजिलाधिकारी डलमऊ रामकुमार शुक्ल ने कहा कि मंदिर बंद करने का कोई आदेश नही दिया गया है। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए पांच पांच लोग दर्शन कर सकते हैं। भीड़ एकत्र नही होने दी जाएगी। कहा जा रहा है कि पुलिस केवल अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए मंदिर बंद कराना चाहती है। सोमवार को होने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल लगता है। वहीं छोटी बड़ी दुर्घटनाएं भी हुआ करती है। ऐसे में कोविड का बहाना लेकर पुलिस अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहती है जबकि देश के सभी मंदिर दर्शन के लिए खोले जा चुके हैं।
अनुज मौर्य/संदीप फ़िज़ा रिपोर्ट