करसड़ा गाँव से उजाड़े गए पीड़ित 13 मुसहर परिवारों को एसडीएम ने 13 बिस्वा जमीन का पट्टा आवंटित किया।

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साढ़े चार बीघा की जगह मिली 13 बिस्वा जमीन, 29 अक्टूबर को शासन-प्रशासन ने मिलकर उजाड़ा था करसड़ा गाँव पीड़ितों मुसहरों के घर

वाराणसी: रोहनियां,
आपके जानकारी के लिए बताना जरूरी है कि मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘अटल आवासीय विद्यालय’ के लिए शासन-प्रशासन के नुमाइंदों ने विगत 29 अक्टूबर की रात मुसहर बिरादरी के लोगों के घरों को उजाड़ दिया था। शासन के उक्त तानाशाही रवैए को देखकर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विरोध किया, उसके बाद जिला प्रशासन ने बैकफुट पर आया और उन्हें साढ़े चार बीघा की जगह मिली 13 बिस्वा जमीन का पट्टा आवंटन किया गया।

शुक्रवार को दोबारा पहुंचे थे, घर उजाड़ने नवागत तहसीलदार श्याम कुमार राम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के करसड़ा गांव में बीते 29 अक्टूबर की घटना के बाद नवागत तहसीलदार श्याम कुमार राम ने शुक्रवार को दोबारा यहां बस्ती उजाड़ने को पहुंचे थे। जानकारी मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने पीड़ितों को लेकर सामाजिक संगठनों और अधिवक्ता समाज के साथ एसडीएम से राजातालाब तहसील दफ़्तर में मुलाक़ात कर उनकी बातें रखीं और कहा कि बिना पुनर्वास पीड़ितों को पुनः उजाड़ने की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। उसके बाद एसडीएम ने अगले दिन शनिवार शाम को पीड़ित 13 मुसहर भूमिहीन परिवारों को 13 विस्वा बंजर भूमि का पट्टा आवंटित किया। साथ ही एसडीएम उदयभान सिंह ने कहा कि करसड़ा गांव के पीड़ित लोगों को प्रधानमंत्री आवास हेतु जल्द प्रत्येक परिवार को दो लाख रुपये की सहायता राशि खाते में प्रदान की जाएगी। पीड़ित परिवारों के दिव्यांग, बृद्ध और निराश्रित लोगों को पेंशन की व्यवस्था किया जाएगा। इनका राशन कार्ड, वोटर कार्ड भी बनाया जाएगा।

साढ़े चार बीघा जमीन के मालिक चमेली देवी व अन्य का कटा नाम, सरकार जमीन लेगी अपने कब्जे में

पीड़ित परिवारों के घर वर्षों से जिस जमीन पर बसा हुआ था, उसे सरकार ने अवैध कब्जा करार दिया है। शासन के अनुसार उक्त जमीन पर फर्जी तरीके से चमेली देवी व अन्य का नाम दर्ज करवाया गया है। इसलिए उनके नाम को कटवा कर जमीन को सरकार के जिम्मे करने की बात सामने आयी है। चमेली देवी और अन्य का कहना है कि हम जमीन ऐसे में कैसे छोड़ सकते हैं, जमीन का कागज हमारे पास है। हम अपनी जमीन पाने के लिए सरकार के खिलाफ केस करेंगे। अब देखने वाली चीज यह है कि जनता और सरकार की लड़ाई में जितता कौन है।

पीड़ित परिवारों को शुरू से ही सहायता और उनके संघर्षों को मजबूती प्रदान करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि देश की आजादी के बाद से ही सरकारें मुसहर व गरीबों के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया। लगातार शोषण करती रही। यही कारण है कि गरीबों का विकास नहीं हुआ। उन्होंने सत्ताधारी दल के नेताओ पर भी हमला बोला और बिना नाम लिए कहा कि एक तरफ़ बीजेपी की सरकार दलितों को बसाने की ढिंढोरा पीटती है, जबकि दूसरी तरफ इनके शासनकाल में दलितों को उजाड़ने की घटनाएँ आम बात हो गयी है। बीजेपी के नेता वंचित समुदाय और ग़रीबों के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।

वाराणसी जनपद के मुसहर व भूमिहीन परिवारों के उत्थान हेतु राजकुमार गुप्ता का कहना था कि जनपद के हर दलित, मुसहर व भूमिहीन परिवार को सीलिंग एक्ट के तहत पट्टे की जमीन दी जाए।गरीबों का सम्मान बरकरार रखा जाए। इसके लिए दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता काम भी कर रहे है।

पट्टा आवंटन के दौरान एसडीएम उदयभान सिंह, तहसीलदार श्याम कुमार राम, नायब तहसीलदार सुरेखा वर्मा, कानूनगो रामेश्वर तिवारी, हल्का लेखपाल अवधेश कुमार सिंह, लक्ष्मण गिरी व विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों सहित दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, अनिल कुमार, अधिवक्ता बाबू अली साबरी आदि लोग उपस्थित थे।

राजकुमार गुप्ता रिपोर्ट

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